तेजस्वी बोले- दो तिहाई बहुमत का विश्वास, युवाओं को नौकरियां देना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी

10/27/2020 5:20:56 PM

नई दिल्ली/पटनाः राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में महागठबंधन (Mahagathbandhan) को दो तिहाई बहुमत मिलने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद युवाओं को नौकरियां देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी तथा विधानसभा के पहले सत्र में केंद्रीय कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक पारित किया जाएगा।

तेजस्वी (Tejashwi) ने यह भी कहा कि वह विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में मुद्दा आधारित प्रचार अभियान चला रहे हैं जिससे जनता खुद को जोड़ पा रही है और 10 नवंबर को मतगणना वाले दिन ‘बिहार एक नए सवेरे का साक्षी बनेगा।' उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार बिहार के युवाओं से यह वादा किया गया है कि कैबिनेट की पहली बैठक में पहली कलम से 10 लाख नौकरियां दी जाएंगी। यह पूछे जाने पर कि वह 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के कितनी सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान जो जनसमर्थन मिल रहा है, उससे यह विश्वास मिलता है कि हमें बिहार की महान जनता का आशीर्वाद है और उन्होंने हमें बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला किया है।''

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने उम्मीद जताई कि इस चुनाव में महागठबंधन को दो तिहाई बहुमत मिलेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘मैं आपको विश्वास के साथ कह सकता हूं कि ज्यादातर सीटों पर राजग उम्मीदवारों की जमानत जब्त होगी। 10 नवंबर को आइए, बिहार एक नए सवेरे का साक्षी बनेगा।'' बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के मुताबिक, सत्ता में आने के बाद उनकी पहली सबसे बड़ी प्राथमिकता युवाओं को नौकरियां देने की होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार एक जिम्मेदार सरकार होगी जो एक प्रतिक्रियाशील प्रशासन देगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार बनने के बाद वह भी पंजाब की तरह केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक लाएंगे तो तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘हां, निश्चित तौर पर हम विधानसभा के पहले सत्र में विधेयक लाएंगे जो इन तीन कृषि कानूनों को निष्प्रभवी करेगा। यह हमारे महागठबंधन के घोषणापत्र में भी है।'' राजद नेता ने यह दावा भी किया कि जनता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर घोर नाराजगी है और यह स्थिति उनकी ‘सत्ता की लालसा और कोविड महामारी के समय बेरोजगारों, मजदूरों और गरीबों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये' के कारण पैदा हुई है।


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Ramanjot

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