Teachers Day Special : एक पापड़ बेचने वाला तो दूसरा ऑटो वाला...दोनों अब बन चुके है भारत के प्रसिद्ध शिक्षक ...

Friday, Sep 05, 2025-09:09 PM (IST)

पटना:Super 30 वाले शिक्षक और "1 रु गुरु दक्षिणा" वाले गुरु दोनों की कार्यशैली एक जैसी, एक पापड़ बेचने वाला तो दूसरा ऑटो वाला, इनके नेक कार्यों की चर्चा बिहार सहित अब पूरे देश में होने लगा है।

Super 30 के आनंद को मिल चुका है पद्म पुरस्कार, दूसरी तरफ "1 रुपया गुरु दक्षिणा" में पढ़ाकर 950 से अधिक IITIAN बनाने वाले बिहार के लाल RK श्रीवास्तव भी काफी चर्चा में बने हुए है, आरके श्रीवास्तव राष्ट्रपति भवन में भी कर चुके है लंच।

गरीब बच्चों के इंजीनियर बनाने का सपने पूरा कराने के सफर पर निकले श‍िक्षक आनंद कुमार और 1 रु गुरु दक्षिणा वाले गुरु आरके श्रीवास्तव देश में बड़ा नाम बन चुके हैं। इनके शैक्षणिक कार्यशैली के तहत काफी जरूरतमंद बच्चे अपने सपने को साकार कर चुके है।

आनंद कुमार सुपर 30 के संस्थापक हैं, जो आईआईटी की तैयारी करने वाले गरीब छात्रों के लिए एक मुफ्त कोचिंग कार्यक्रम चलाते रहे है। उनके काम ने कई बच्चों को उनके सपने हासिल करने में मदद की है।

आनंद कुमार को तो उनके बेहतर कार्य के लिए फल मिल चुका है यानी भारत सरकार के द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आनंद कुमार और "1 रु गुरु दक्षिणा" वाले गुरु आरके श्रीवास्तव दोनों की कार्यशैली एक जैसी, दोनों का उद्देश्य बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाना जो कि आरके श्रीवास्तव अभी तक कर रहे हैं। 

कौन है यह ऑटो वाला जिसने बनाया सैकड़ों गरीबों को इंजीनियर ,आइए जानते है इनके बारे में....

विद्या और धन के बीच एक बड़ा अंतर ये है कि धन कोई भी आपसे छीन या लूट सकता है लेकिन विद्या सदैव आपके साथ बनी रहती है। उसे आपसे कोई अलग नहीं कर सकता।

लाखों की फीस वसूल करने वाले शिक्षण संस्थानों के बीच कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जो धन पर विद्या को सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं। ऐसे ही लोगों में गिने जाते है प्रसिद्ध शिक्षक आरके श्रीवास्तव सर, बिहार के रहने वाले हैं आरके श्रीवास्तव..

मात्र 1 रूपये की फीस लेकर सैंकड़ों छात्रों को इंजीनियर बना चुके है। पटना में भी आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को निःशुल्क शिक्षा के माध्यम से पढ़ाकर उनके सपने को पंख लगाते है।

गांव से राष्ट्रपति भवन तक का सफर और राष्ट्रपति भवन में कर चुके है लंच....

किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन गांव की पगडंडियों से निकलकर एक साधारण ऑटो वाला प्रसिद्ध शिक्षक बन राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय करेगा और राष्ट्रपति के बगल की कुर्सी पर बैठेगा।

 साधारण युवा मैथेमेटिक्स गुरु बनकर देश-दुनिया के लिए प्रेरणा बन जाएंगे। अपनी कार्यशैली से वो खुद एक संदेश बन चुके हैं। लेकिन ऐसा अक्सर देखा जाता है कि जो अभाव में रहते हैं वही दुनिया के मानचित्र पर अपनी विद्वता के बूते कृति स्थापित कर चुके हैं। ऐसे ही एक आम लड़के या यों कहें ऑटो वाला से गणितज्ञ बनने का सफर तय किया जो आगे चलकर एक लोकप्रिय शिक्षक बन जाएंगे ये किसे पता था। पर, ऐसा ही हुआ युवा गणितज्ञ आर के श्रीवास्तव के साथ। कल तक जो गांव की दहलीज तक सिमटे रहने वाले आर के श्रीवास्तव दुनिया के मानचित्र पर छा गए। खुद मुफलिसी में जिंदगी गुजारने वाले आर के श्रीवास्तव गरीब और असहाय स्टूडेंट्स को 1 रूपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बनाने को संकल्पबद्ध हैं। आर के श्रीवास्तव अबतक 950 स्टूडेंट्स को आईआईटियन बना चुके है और आगे भी आईआईटियन का कारवां निरंतर जारी है।

हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शिक्षक की जिसके शैक्षणिक आंगन से 1 रुपया में पढ़कर स्टूडेंट्स बनते हैं IITIAN,

वो कोई और नहीं, वह हैं बिहार की मिट्टी से विश्व में अपनी पहचान कायम करने वाले “मैथमेटिक्स गुरु आर.के. श्रीवास्तव”। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से आशीर्वाद और सम्मान इस लोकप्रिय शिक्षक को मिल चुका है। राष्ट्रपति के साथ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

दुनिया के मानचित्र पर मैथेमेटिक्स गुरु आर.के. श्रीवास्तव का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इनका पूरा नाम रजनी कांत श्रीवास्तव है। ये भारत के एक मात्र ऐसे शिक्षक होंगे जिनका कोई हेटर्स नहीं मिलेगा,जिन्होंने देश के हर उस बच्चे की मदद करने की सोची जो पढ़ना चाहता है। भारत के प्रतिष्ठित अखबारों और न्यूज पोर्टल पर इनके बारे में खबरें हमेशा छपती ही रहती है।


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Content Writer

Ramanjot

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