स्वास्थ्य एवं कृषि सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अहमः मंत्री मंगल पांडेय
Saturday, Jan 25, 2025-11:33 AM (IST)
पटना: बिहार के स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि स्वास्थ्य एवं कृषि सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका बेहद अहम है। पांडेय ने शुक्रवार वर्चुअल माध्यम से चार जिलों सिवान, सारण, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर के 69 प्रखंड के 1200 पंचायत के मुखिया से सीधा संवाद किया। इस संवाद का उद्देश्य साल 2047 तक सशक्त पंचायत, विकसित बिहार की दिशा में स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में समग्र विकास को सशक्त बनाना है। इस दौरान वर्चुअल माध्यम से जुड़कर सभी मुखिया के सुझावों को पांडेय ने सुना और अपनी बातें सबके सामने रखीं।
पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत आर्थिक समृद्धि, सामाजिक उन्नति, पर्यावरण स्थिरता और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार प्रमुख घटक हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर सामुदायिक भागीदारी और नेतृत्व इन लक्ष्यों की प्राप्ति में अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में राज्य सरकार बिहार को स्वस्थ बिहार, समृद्ध बिहार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें मुफ्त एंबुलेंस सेवा, मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना, बाल हृदय योजना, बाल थैलेसीमिया योजना, सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं।
पांडेय ने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएं और आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, सीएचओ जैसे स्वास्थ्यकर्मियों को अपना सहयोग प्रदान करें। उन्होंने पंचायत स्तर पर टीबी मुक्त करने की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए सभी को बधाई दी। पांडेय ने कृषि क्षेत्र में नवाचार और सुधार पर भी चर्चा करते हुए कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था में कृषि का बड़ा योगदान है और इसे सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाएं हैं। कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत किसानों को 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। पंचायत स्तर पर कृषि यंत्र बैंक स्थापित किए जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि जल संरक्षण और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। कृषि रोडमैप 2023-28 के तहत कृषि शक्ति उपलब्धता को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। मूल्य समर्थन योजना के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिया जा रहा है। कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देकर रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए जा रहे हैं।