राज्यपाल आर्लेकर ने कहा- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ऋषियों के अवदान और पं. दीनदयाल के विचारों का समावेश
Sunday, Sep 17, 2023-10:04 AM (IST)

पटना: बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को ऋषियों के अनुपम अवदानों तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों का समावेश बताया और कहा कि यह देश की गौरवशाली परंपरा, संस्कृति एवं इतिहास के अनुरूप है तथा इसे प्राथमिक स्तर पर भी लागू किया जाना चाहिए।
आर्लेकर ने एसएमडी कॉलेज, श्रीपालपुर में ‘सक्षम राष्ट्र के निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं एकात्म मानववाद दर्शन का योगदान' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में हमारे ऋषियों के अनुपम अवदानों तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों का समावेश है। यह शिक्षा नीति भारत की गौरवशाली परंपरा, संस्कृति एवं इतिहास आदि के अनुरूप है तथा इसे प्राथमिक स्तर पर भी लागू किया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा हमारे देश की हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति, इतिहास, परंपरा आदि के अनुकूल होनी चाहिए। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने इन्हें राष्ट्र की सोच के रूप में हमारे सामने रखा।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र की भी आत्मा होती है जिसे पं. दीनदयाल उपाध्याय ‘चिति' कहते थे। इसे भूलने पर देश में अनेक प्रकार की समस्याएं आती हैं। इस चिति को भूलने के कारण ही हम अपनी संस्कृति को भूल गए, गुलाम बनें और राष्ट्र का विभाजन हुआ। आज हमें पुन: अपने ‘स्व' को जागृत करने की जरूरत है ताकि हमारा राष्ट्र आगे बढ़ सके। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने इसी विचार को हमारे सामने रखा। आर्लेकर ने कहा कि अनेक वर्षों के बाद आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 शिक्षा को औपनिवेशिक विसंगतियों से मुक्त करने का प्रयास है। उन्होंने बिहार में सेमेस्टर सिस्टम पर आधारित स्नातक पाठ्यक्रम के लागू होने का श्रेय कुलपतियों एवं राज्य की जनता को देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्राथमिक स्तर पर भी लागू किया जाना चाहिए ताकि बच्चे यहां की गौरवशाली विरासत से अवगत हो सकें।