Bihar Teacher News: अगले हफ्ते तक TRE-3 शिक्षकों के पोस्टिंग ऑर्डर, शिक्षा विभाग ने दी खुशखबरी
Saturday, Apr 26, 2025-08:03 PM (IST)

पटना: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और समावेशी बनाने के उद्देश्य से "शिक्षा की बात हर शनिवार" कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के 12वें एपिसोड में एक बार फिर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने भाग लिया और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हर सवाल का विस्तृत और स्पष्ट जवाब दिया।
अगले हफ्ते तक टीआरई-3 शिक्षकों के पोस्टिंग ऑर्डर होंगे जारी
पूर्वी चंपारण के कृष्ण कुमार ने पूछा कि टीआरई-3 की नियुक्ति प्रक्रिया कब पूरी होगी? इस पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि नियुक्ति की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। अगले सप्ताह शुक्रवार या शनिवार तक सभी टीआरई-3 शिक्षकों के पोस्टिंग ऑर्डर जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पोस्टिंग में प्राथमिकता उन विद्यालयों को दी गई है, जहां शिक्षकों की कमी अधिक है और छात्र संख्या ज्यादा है ताकि राज्य में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो सके। सभी शिक्षक सोमवार से अपने-अपने विद्यालयों में योगदान देंगे।
बैगलेस सैटर-डे का नया पाठ्यक्रम होगा जारी
मुजफ्फरपुर के बखरी मुरौल बुनियादी विद्यालय के शिक्षक केशव कुमार ने बैगलेस सैटर-डे से जुड़ा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए निर्धारित मार्गदर्शिका आज तक विद्यालयों तक नहीं पहुंची है, जिससे क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है। इस सवाल के जवाब में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इसका फिर से हमलोग अपडेशन कर रहे हैं क्योंकि सैटर-डे में बैगलेस सैटर-डे के अतिरिक्त कई गतिविधियां जोड़ी गई हैं, जैसे स्किल ट्रेनिंग और स्पोर्ट्स है। हमलोग उसे घंटावार भी निर्धारित कर रहे हैं और बैगलेस सैटर-डे का जो नया पाठ्यक्रम है, हमलोग कोशिश करेंगे कि अगले 10-15 दिनों में एक रिवाइस पाठ्यक्रम जारी करें। वेबसाइट पर इसके गाइडलाइंस को देखा जा सकेगा और पीडीएफ में भी सर्कुलेट होगा।
‘स्टूडेंट ऑफ द वीक’ की होगी शुरुआत
वहीं, भभुआ के शिक्षक धीरज कुमार ने त्रैमासिक परीक्षा की शुरुआत के लिए विभाग का आभार जताते हुए सुझाव दिया कि 'टीचर ऑफ द मंथ' की तर्ज पर स्कूलों में बच्चों को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस सुझाव का स्वागत किया और कहा कि छात्रों के अनुशासन, परीक्षा परिणाम और गतिविधियों के आधार पर 'स्टूडेंट ऑफ द वीक' का चयन कर नोटिस बोर्ड पर नाम प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही छात्रों को विशेष बैज भी प्रदान किए जाएंगे।
स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार का लक्ष्य
किशनगंज की शिक्षिका कुमारी निधि ने अपने विद्यालय में चहारदीवारी नहीं होने की समस्या बताई। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि हाल ही में सभी स्कूलों से आवश्यकताओं की सूची मांगी गई है, जिसमें चहारदीवारी भी शामिल है। मई माह में सभी स्वीकृत कार्यों जैसे बाउंड्री वॉल, अतिरिक्त कक्षाएं, शौचालय, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी निर्माण आदि की स्वीकृति दी जाएगी। लक्ष्य है कि जुलाई 2025 से पहले सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर दी जाए।
11वीं में होगी त्वरित प्रवेश व्यवस्था
पटना के माधोपुर, मनेर उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक आशीष कुमार ने कहा कि बिहार बोर्ड के 10वीं के परिणाम आने के बाद 11वीं में दाखिला देर से शुरू होता है, जिससे छात्रों का समय खराब होता है। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि अब सभी दसवीं पास छात्रों को प्रोविजनल आधार पर 11वीं कक्षा में तुरंत प्रवेश दिया जाएगा और कक्षाएं भी अगले सप्ताह से शुरू कराई जाएंगी। इस संबंध में सोमवार से मॉनिटरिंग होगी कि कितने बच्चों ने ज्वाइन किया है। अगले हफ्ते से सभी 11वीं के छात्र का क्लास शुरू करना है। अगर किसी छात्र को अन्य स्कूल में जाना है तो उसके दाखिले की प्रक्रिया अलग है।
अंग्रेजी शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
सीवान के पचरुखी की शिक्षिका रश्मि बाला बर्णवाल ने सुझाव दिया कि अंग्रेजी विषय को 9वीं और 10वीं कक्षा में अनिवार्य किया जाए। इस पर डॉ. एस, सिद्धार्थ ने कहा कि इस बार 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बाइलिंगुअल पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि छात्र दोनों भाषाओं में पढ़ाई कर सकें और अंग्रेजी में सुधार हो सके।
एक परिसर में एक स्कूल की नीति
समस्तीपुर के रोसड़ा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रंजीत कुमार ने कहा कि उनके स्कूल कैंपस में 4 विद्यालय संचालित हो रहे हैं। सभी का विलय कर देते तो पठन-पाठन में सहूलियत होती। चेतना सत्र और अन्य विद्यालय गतिविधियां साथ-साथ संचालित होने से छात्रों को परेशानी होती है। इसका जवाब देते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हमलोगों ने बहुत स्पष्ट निर्देश डीईओ को दिया है कि जो स्कूल एक ही परिसर में हैं, उसे मर्ज करें और सभी पठन-पाठन इंटीग्रेटेड चलाइए। मुझे इस संबंध में जानकारी है, जहां कई स्कूल एक ही कैंपस में चल रहे हैं। हमलोग नहीं चाहते हैं कि एक ही कैंपस में तीन अलग-अलग स्कूल चलें।
ई-लाइब्रेरी फिर होगी उपलब्ध
गोपालगंज के हथुआ के शिक्षक नीलमणि प्रताप शाही ने ई-लाइब्रेरी एप के फिर से उपलब्ध कराने की मांग की। इस पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ई-लाइब्रेरी एप को अपडेट कर पुनः चालू किया जा रहा है और अगले सप्ताह से यह शिक्षकों और छात्रों के लिए उपलब्ध होगा।
प्लास्टिक कोटेड पुस्तकों पर रोक
औरंगाबाद के कुटुंबा के शिक्षक शम्स आलम ने सुझाव दिया कि प्राथमिक विद्यालय के छोटे बच्चों के लिए प्लास्टिक कोटेड पुस्तकें दी जाएं ताकि बच्चे उसे न फाड़ सकें। इस पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए हानिकारक है इसलिए प्लास्टिक कोटेड पुस्तकों का वितरण नहीं किया जाएगा। बच्चों को पुस्तकों की देखभाल करना सिखाया जाएगा ताकि वे स्वयं संरक्षण का महत्व समझें।
बीपीएससी शिक्षकों के लिए मेडिकल और मैटरनिटी लीव
अंत में नवादा के गोविंदपुर के शिक्षक अभिषेक कुमार पाण्डेय ने सवाल किया कि क्या बीपीएससी से नियुक्त शिक्षकों को मेडिकल और मातृत्व अवकाश मिलेगा? इस पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि सभी बीपीएससी शिक्षकों को मेडिकल लीव और मैटरनिटी लीव देय हैं। इस संबंध में शीघ्र ही स्पष्ट गाइडलाइंस जारी की जाएगी और विद्यालय के प्रधानाचार्य को अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएंगे।