Sanskrit Diwas Bihar 2025: संस्कृत भाषा के विकास से संस्कृति होगी समृद्ध- उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी
Tuesday, Aug 12, 2025-08:08 PM (IST)

पटना: बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड, पटना द्वारा मंगलवार को रविन्द्र भवन में भव्य संस्कृत दिवस समारोह आयोजित किया गया। दो सत्रों में चले इस कार्यक्रम में प्रदेश के 650 से अधिक मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं एक हजार से अधिक संस्कृतानुरागी, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
पहला सत्र – कार्यशाला और संस्कृत की महत्ता पर चर्चा
कार्यक्रम के पहले सत्र की शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (KSDSU) के कुलपति प्रो. लक्ष्मीनिवास पाण्डेय और बोर्ड अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर की।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा – “संस्कृत में संस्कार, चेतना और ज्ञान का अपार भंडार है। रामायण और गीता जैसे महान ग्रंथों को पाठ्यक्रम में शामिल करने से न सिर्फ ज्ञान बढ़ेगा बल्कि छात्रों में संस्कार भी मजबूत होंगे।”
अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि संस्कृत अध्यापकों पर समाज में संस्कृति के संरक्षण की विशेष जिम्मेदारी है। उन्होंने घोषणा की कि शीघ्र ही प्रत्येक जिले में एक-एक संस्कृत मॉडल स्कूल स्थापित होगा और विद्यालयों की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जाएगा। साथ ही, संस्कृत में रोजगार के अवसर और कम्प्यूटर आधारित संस्कृत शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने पर बल दिया।
दूसरा सत्र – उपमुख्यमंत्री का भाषण और पोर्टल का लोकार्पण
दूसरे सत्र में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह विधानपार्षद डॉ. संजय जयसवाल, कुलपति प्रो. लक्ष्मीनिवास पाण्डेय और बोर्ड अध्यक्ष मृत्युंजय झा ने बोर्ड की नई वेबसाइट और पोर्टल का लोकार्पण किया।
अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा – “संस्कृत सरल, सुगम और वैज्ञानिक भाषा है। UPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में इसे वैकल्पिक भाषा के रूप में अपनाया जाना चाहिए। संस्कृत का संरक्षण और संवर्धन हमारी परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखेगा। सरकार संस्कृत विद्यालयों और कर्मचारियों की सभी समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जयसवाल ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों की सभी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास होगा और जो मुद्दे शेष रहेंगे उन्हें चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया जाएगा।
सम्मान और पाठ्यक्रम विमोचन
कार्यक्रम के दौरान नवीन शिक्षा नीति 2020 पर आधारित संशोधित एवं संवर्धित कक्षा 1 से 10 तक के संस्कृत पाठ्यक्रम का विमोचन किया गया।
प्रदेश के 14 प्रधानाध्यापकों को बेहतर परिणाम के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही बोर्ड के सभी सदस्यों और पाठ्यक्रम निर्माण उपसमिति के सदस्यों को भी सम्मान प्रदान किया गया।
विशेष आकर्षण
समारोह की शुरुआत 25-25 शिक्षकों के सामूहिक स्वस्तिवाचन और शंखनाद से हुई।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रामसेवक झा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रामप्रीत पासवान ने दिया।
आयोजन को सफल बनाने में निवेदिता सिंह, दुर्गेश राय, चन्द्रकिशोर कुमार, धनेश्वर कुशवाहा, अनुरंजन झा, अरुण कुमार झा, निरंजन दीक्षित, आशीष कुमार झा समेत कई सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।