बिहार में फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेगी राज्य सरकार

Tuesday, Mar 02, 2021-10:10 AM (IST)

पटनाः बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने राज्य में खेतों में फसल अवशेषों को जलाए जाने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सोमवार को कहा कि ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार ‘‘दंडात्मक कार्रवाई'' करेगी। खेतों में फसल अवशेष जलाए जाने से मिट्टी की उत्पादक क्षमता कम होती है।

बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कृषि विभाग के 3,335.47 करोड़ों रुपए के बजटीय मांग पर हुई चर्चा के बाद जवाब देते हुए अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य के कई जिलों में फसल अवशेष जलाए जाने की समस्या बड़ी होती जा रही है और ऐसा किए जाने के कारण मिट्टी की घटती उत्पादकता को देखते हुए सरकार ने किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने की पहल की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि वे हेलीकॉप्टरों के जरिए हवाई निरीक्षण करें और अगर जरूरत पड़ी तो वे किसानों को फसल अवशेष को जलाने के दुष्प्रभाव के बारे में समझने का प्रयास करेंगे।

कृषि मंत्री ने कहा कि यहां के किसानों ने भी पंजाब की तर्ज पर फसल अवशेष को खेतों में जलाना शुरू कर किया है। अगर किसान नहीं माने तो राज्य सरकार उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि अन्न देने वाली धरती माता को इस तरह जलाने की अनुमति हम नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करने और बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ‘‘बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020'' को मंजूरी दी है। अमरेन्द्र प्रताप ने कहा कि कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति का उद्देश्य राज्य में मखाना, फल, सब्जियां, शहद, औषधीय एवं सुगंधित पौधों, मक्का, चाय और बीजों के लिए प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के वास्ते निवेशकों और उद्यमियों को आकर्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि निवेशक और किसान उत्पादक समूह को परियोजना लागत की पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 15 प्रतिशत और 25 प्रतिशत मिलेगा।


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Ramanjot

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