''सपनों को उड़ान, सिविल सेवा तक राह आसान...'' गरीब मेधावी छात्रों के लिए ‘अमृत’ बनी बिहार सरकार की यह योजना

Monday, Dec 22, 2025-05:26 PM (IST)

Prak Pariksha Prashikshan Yojana: बिहार सरकार (Bihar Government) ने पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के उद्देश्य से प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण योजना (Prak Pariksha Prashikshan Yojana) को प्रभावी रूप से लागू किया है। इस योजना के तहत सिविल सेवा, SSC एवं अन्य प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार की इस पहल से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को संगठित और आधुनिक संसाधनों के साथ तैयारी का अवसर मिल रहा है। प्रशिक्षण मान्यता प्राप्त प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। 

पात्रता की शर्तें 

योजना के अंतर्गत नामांकन के लिए छात्र-छात्रा का बिहार का स्थायी निवासी होना आवश्यक है एवं उनका पिछड़ा वर्ग या अति पिछड़ा वर्ग से संबंधित हों। इसके साथ ही अभिभावक सहित परिवार की अधिकतम वार्षिक आय ₹3 लाख निर्धारित की गई है। 

क्या-क्या सुविधा मिलेंगी 

प्रशिक्षण अवधि 6 माह की होगी। प्रत्येक केंद्र पर एक साथ दो बैचों में कुल 120 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
•    75% उपस्थिति पर ₹3000 प्रोत्साहन राशि
•    डिजिटल अध्ययन केंद्र की सुविधा
•    उन्नत पुस्तकालय
•    प्रेरणा एवं मार्गदर्शन सत्र


नामांकन प्रक्रिया

प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केंद्रों की विस्तृत जानकारी के लिए राज्य सरकार की वेबसाइट पर state.bihar.gov.in/bcebcwelfare/CitizeHome.html विजिट किया जा सकता है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है, ताकि अधिक से अधिक पात्र विद्यार्थी इसका लाभ उठा सकें। आवेदन करने के लिए पात्र छात्र/छात्रा दिए गए लिंक पर bcebconline.bihar.gov.in/PETCOnline/PETC/Default.aspx  विजिट कर सकते हैं।

बिहार सरकार की इस योजना के अंतर्गत संचालित प्राक् प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से राज्य के पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक उत्थान की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इस योजना के तहत सिविल सेवा परीक्षा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को पूर्णतः निःशुल्क प्रशिक्षण एवं अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रशिक्षण केंद्रों में नामांकन की प्रक्रिया दो आधारों पर की जाती है- पहला प्रवेश परीक्षा के माध्यम से तथा दूसरा शैक्षणिक अंकों के आधार पर। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनुभवी एवं योग्य शिक्षकों का चयन किया जाता है। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को बीपीएससी परीक्षा का संपूर्ण सिलेबस आधारित अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है। वर्तमान में पूरे बिहार में लगभग 38 प्रशिक्षण केंद्र सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं, जिससे हजारों जरूरतमंद विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर एवं वंचित वर्ग के छात्रों के लिए अमृत के समान सिद्ध हो रही है।
 


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Content Writer

Ramanjot

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