बिहार में निकाय चुनाव को लेकर HC के फैसले पर राजनीति शुरू, पक्ष-विपक्ष ने एक दूसरे पर लगाया ये आरोप
Tuesday, Oct 04, 2022-06:39 PM (IST)

पटनाः बिहार में एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है दरअसल, बिहार में चल रहे नगर निकायों के चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को रद्द करने एवं तत्काल चुनाव रोकने का उच्च न्यायालय के फैसले पर पक्ष-विपक्ष पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।
भाजपा की गहरी साजिश- उपेंद्र कुशवाहा
जदयू ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। जदयू पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ऐसा निर्णय केंद्र सरकार और भाजपा की गहरी साजिश का परिणाम है। अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने समय पर जातीय जनगणना करावाकर आवश्यक संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी कर ली होती तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती। साथ ही कहा कि 3 टेस्ट के जांचने का मतलब यह है कि जाति की स्थिति अनिवार्य है। केंद्र सरकार जाति की गिनती नहीं करवा रही है।
अतिपिछड़ा आरक्षण से वंचित रखने के लिए नीतीश जिम्मेदार- मोदी
बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ा आरक्षण को रद्द करने और तत्काल चुनाव पर रोक लगाने पर भाजपा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी पक्ष पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ा आरक्षण से वंचित रखने के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह नीतीश कुमार है। साथ ही कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग और एडवोकेट जनरल ने कई बार कहा की 3 टेस्ट के बिना चुनाव नहीं करवाना चाहिए पर नीतीश कुमार नहीं माने। उनकी जिद के चलते चुनाव नहीं हो पाए।
नीतीश कुमार अपनी जिद पर चला रहे बिहार- सम्राट चौधरी
वहीं प्रतिपक्ष के भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि आज जो आरक्षण पर रोक लगी है। इससे स्पष्ट हो गया है कि बिहार को नीतीश कुमार अपनी जिद पर चला रहें है। साथ ही कहा कि नीतीश कुमार जिद मचाए हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने आज से 6 महीने पहले आदेश दिया था कि आप कमेटी बनाइए। नीतीश कुमार की जिद ने आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया है। सीएम बताएं कि बिना तैयारी के चुनाव प्रक्रिया क्यों शुरू किया गया। सीएम बताएं कि बिना तैयारी के और तथ्य के कोर्ट में क्यों पक्ष रखने गए। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।