बिहार के पंचायत प्रतिनिधियों को CM नीतीश का तोहफा, अब सामान्य मृत्यु पर भी मिलेगा ₹5 लाख और 10 लाख तक की योजनाओं की मंजूरी का अधिकार
Thursday, Jun 12, 2025-06:04 PM (IST)

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ बैठक की।
बैठक को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल के साथ बैठक आयोजित की गयी है। मुख्य सचिव एवं विभागीय पदाधिकारियों के द्वारा आपकी मांगों से हमें अवगत कराया गया है। आपकी अधिकतर मांगों के संबंध में पंचायती राज विभाग नियमानुसार कारवाई कर रहा है, उनमें से जो आपकी महत्वपूर्ण मांग है, उनके संबंध में मैं निम्न घोषणा करता हूँ।
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुये कहा-
1.. ग्राम पंचायतों के मुखिया को मनरेगा योजना में अब तक 5 लाख रूपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति की शक्ति प्राप्त है। इस सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रूपये तक करने का आदेश दिया जा रहा है।
2. पंचायती राज संस्थाओं के सभी स्तर के प्रतिनिधियों के मासिक भत्ता को डेढ़ गुणा बढ़ाने का आदेश दिया जा रहा है।
3. हमने यह लक्ष्य रखा है कि राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में इस वर्ष होनेवाले चुनाव से पूर्व पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार हो जाये। इसके लिए राज्य सरकार के द्वारा शेष बचे 1069 नये पंचायत सरकार भवनों की भी स्वीकृति दे दी गयी है। इन स्वीकृत पंचायत सरकार भवनों के निर्माण का जिम्मा ग्राम पंचायत को देने का आदेश दिया जा रहा है। इसके लिए जमीन यदि मुख्यालय वाले गाँव में नहीं है तो पास वाले गाँव में भी जमीन ली जा सकती है। मुझे आशा है कि आप शीघ्र ही जमीन का चयन कर कार्य प्रारम्भ करेंगे एवं समय से पहले पंचायत सरकार भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाएगा।
4. पंचायत प्रतिनिधियों के शस्त्र अनुज्ञप्ति के आवेदन को जिला पदाधिकारी निर्धारित समय सीमा के अंदर नियमानुसार निष्पादित करने की कार्रवाई करेंगे।
5. पंचायत प्रतिनिधियों को पहले केवल आकस्मिक मृत्यु होने पर ही 5 लाख रूपये का अनुग्रह अनुदान की राशि दी जाती थी, अब पंचायत प्रतिनिधियों के अपने कार्य काल में सामान्य मृत्यु होने पर भी 5 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने का आदेश दिया, जा रहा है। साथ ही,, यदि पंचायत प्रतिनिधि, बीमारी से ग्रसित होते हैं तो उन्हें भी मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने का आदेश दिया जा रहा है।
6. . त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं द्वारा उन्हें प्राप्त 15वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग की राशि का उपयोग में तेजी लाने के लिये 15 लाख रूपये तक की योजनाओं का कार्यान्वयन विभागीय तौर पर किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिये काफी कार्य किया है। बड़ी संख्या में महिलायें प्रतिनिधि बनकर समाज में नेतृत्व कर रही हैं। सभी वर्गों के विकास के लिये हमलोगों ने काम किया है। हम हमेशा प्रतिनिधियों से मिलते रहते हैं। बचे हुये पंचायत सरकार भवन जल्द से जल्द बनकर तैयार हो जायेगा, जिसमें सारी व्यवस्थायें की गयी हैं। इसका लाभ पंचायत के लोगों को मिलेगा और जनप्रतिनिधियों को भी समस्याओं के समाधान में सहूलियत मिलेगी। पंचायत निकायों से यहां आये हुए प्रतिनिधिगण को मैं बधाई देता हूँ और आप सभी का स्वागत करता हूँ।
बैठक में जिला परिषद् संघ की प्रतिनिधि कृष्णा यादव, पंचायत समिति की प्रमुख रश्मि कुमारी, मुखिया संघ के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय तथा पंच-सरपंच संघ के अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी-अपनी बातें रखीं। सभी प्रतिनिधियों ने पंचायती राज व्यवस्था के उत्थान के लिए किये गये कार्यों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा की और कहा कि आपके नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ रहा है तथा आपके द्वारा पंचायती राज व्यवस्था में किये गये कार्यों का लाभ लोगों को मिल रहा है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार, वित्त विभाग के सचिव जय सिंह, पंचायती राज विभाग के निदेशक प्रशांत सी०एच० सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।