Bihar Election 2025: नीतीश ने गिनाईं महिलाओं के लिए अपनी सरकार की उपलब्धियां, कहा – अब दीदियां चला रहीं हैं विकास की रसोई

Saturday, Nov 08, 2025-09:25 PM (IST)

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार सोशल मीडिया पर अपने शासनकाल की उपलब्धियां साझा कर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने महिलाओं के उत्थान पर केंद्रित विस्तृत पोस्ट जारी की, जिसमें 2005 से पहले और बाद के बिहार का फर्क बताते हुए कहा कि “एक समय था जब महिलाएं घर से निकलने से डरती थीं, आज वही महिलाएं समाज और सरकार की दिशा तय कर रही हैं।”

2005 से पहले ‘डर का माहौल’, अब ‘आत्मनिर्भरता’ की मिसाल

नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से पहले महिलाएं शाम 6 बजे के बाद सड़कों पर नहीं निकल पाती थीं। स्कूल जाने वाली बेटियों के माता-पिता तब तक बेचैन रहते थे, जब तक वे घर नहीं लौट आतीं। शिक्षा और सुरक्षा दोनों की स्थिति दयनीय थी। लेकिन 2005 के बाद बनी नई सरकार ने महिलाओं की स्थिति बदलने की ठानी।

50% आरक्षण से लेकर पुलिस में भर्ती तक

उन्होंने बताया कि 2006 में पंचायती राज और 2007 में नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। आज हजारों महिलाएं मुखिया, सरपंच, मेयर और वार्ड पार्षद के पदों पर कार्यरत हैं। इसके बाद 2013 में पुलिस भर्ती में 35% आरक्षण लागू किया गया। नीतीश कुमार ने कहा कि “आज बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या देश में सबसे ज्यादा है।”

लड़कियों की शिक्षा में ‘कन्या उत्थान योजना’ बनी गेमचेंजर

मुख्यमंत्री ने लिखा कि कन्या उत्थान योजना के तहत बेटियों को जन्म से लेकर ग्रेजुएशन तक ₹94,100 तक की सहायता राशि दी जा रही है।

  • जन्म पर ₹2,000
  • आधार निबंधन पर ₹1,000
  • टीकाकरण पर ₹2,000
  • साइकिल योजना में ₹3,000
  • मैट्रिक पर ₹10,000, इंटर पास पर ₹25,000
  • और ग्रेजुएशन पूरी करने पर ₹50,000

उन्होंने कहा कि “अब गांव-गांव की बेटियां 12वीं के बाद भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं।”

स्वास्थ्य और सुरक्षा में बड़ा बदलाव

नीतीश कुमार ने बताया कि जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत प्रसव के 48 घंटे के भीतर डीबीटी के जरिए महिलाओं को राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि “2005 में शिशु मृत्यु दर 61 थी, अब घटकर 27 हो गई है। मातृ मृत्यु दर 312 से घटकर 118 हो गई है।”

जीविका दीदियों की सफलता कहानी

मुख्यमंत्री ने बताया कि जीविका योजना के तहत आज 11 लाख स्वयं सहायता समूहों में 1.4 करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। वे जैविक खेती, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, और दीदी की रसोई जैसे कार्यों से आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। अब “दीदी की रसोई” का विस्तार सभी प्रखंड मुख्यालयों और सरकारी अस्पतालों तक किया जा रहा है।

‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ से मिला आर्थिक बल

नीतीश कुमार ने कहा कि हाल में शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की 1.41 करोड़ महिलाओं को 10-10 हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से दिए गए हैं ताकि वे अपनी पसंद का रोजगार शुरू कर सकें। जो महिलाएं इस राशि से सफल व्यवसाय करेंगी, उन्हें आगे 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता मिलेगी।

शराबबंदी और समाज सुधार अभियान

नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान ने समाज में शांति और बदलाव लाया है। उन्होंने कहा – “यह सब महिलाओं की मांग पर ही संभव हुआ। आज बिहार की महिलाएं ही विकास की असली धुरी हैं।”

“जो कहते हैं, वो करते हैं” – नीतीश का चुनावी संदेश

पोस्ट के अंत में नीतीश कुमार ने लिखा – “महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हमने जो कहा, उसे पूरा किया है। आगे भी आधी आबादी के उत्थान के लिए काम जारी रहेगा।”


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramanjot

Related News

static