Fake News Alert: SKMCH में वायरल फीवर से बच्चों की मौत की खबर गलत, DM मुजफ्फरपुर ने किया खंडन

Saturday, Oct 25, 2025-08:44 PM (IST)

Muzaffarpur Viral Fever News: बिहार के मुजफ्फरपुर से आई “वायरल फीवर से छह बच्चों की मौत” की खबर पूरी तरह भ्रामक निकली है। जिला प्रशासन और श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के अधिकारियों ने इस रिपोर्ट का खंडन (denial) करते हुए कहा है कि वायरल फीवर या चमकी बुखार (AES/JE) से किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है।

DM Subrat Kumar Sen बोले — SKMCH में सभी बच्चे सुरक्षित, इलाज सामान्य रूप से जारी

मुजफ्फरपुर के जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन (IAS) ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर बताया कि कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा वायरल फीवर से छह बच्चों की मौत की खबर प्रकाशित की गई, जो पूरी तरह गलत और भ्रामक है।

उन्होंने कहा कि शिशु गहन चिकित्सा इकाई (PICU) में कुल 100 बेड हैं, जिनमें से 80 बेड पर विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त मरीज भर्ती हैं, और सभी का उपचार सामान्य रूप से चल रहा है। किसी भी बच्चे की मौत न तो वायरल फीवर से हुई है और न ही AES (Acute Encephalitis Syndrome) से।

 SKMCH प्रशासन ने भी किया खंडन

SKMCH के प्राचार्य-सह-अधीक्षक द्वारा भेजे गए आधिकारिक स्पष्टीकरण में भी यही कहा गया है कि
“वायरल फीवर से किसी बच्चे की मृत्यु नहीं हुई है। अस्पताल में भर्ती बच्चे विभिन्न सामान्य बीमारियों से पीड़ित हैं और सभी का इलाज सुचारू रूप से चल रहा है।”

DM ने दी मीडिया को चेतावनी — गलत खबर पर होगी कार्रवाई

डीएम ने इस मामले में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, पटना को पत्र भेजते हुए अनुरोध किया है कि भ्रामक खबर प्रकाशित करने वाले समाचार पत्र के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गलत रिपोर्टिंग से आम जनता में अनावश्यक भय और भ्रम फैलता है, जो सरासर गैर-जिम्मेदाराना है।

Ground Report: बच्चों की स्थिति सामान्य

  • अस्पताल प्रशासन के अनुसार, PICU और NICU दोनों यूनिट्स सामान्य दिनों की तरह कार्यरत हैं।
  • 80 बच्चे भर्ती हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। किसी भी बच्चे की हालत गंभीर नहीं बताई गई। वायरल फीवर से कोई मृत्यु नहीं हुई है।

 मुख्य बातें (Highlights):

  • वायरल फीवर से बच्चों की मौत की खबर फेक निकली।
  • DM मुजफ्फरपुर और SKMCH प्रशासन ने जारी किया आधिकारिक खंडन।
  • 80 बच्चे भर्ती, सभी का इलाज सामान्य रूप से जारी।
  • सूचना विभाग से कार्रवाई की अनुशंसा।

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Ramanjot

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