मणिपुर में विधायकों की टूट पर बिफरे ललन सिंह, बोले- BJP ने किया धन-बल का प्रयोग

Saturday, Sep 03, 2022-02:44 PM (IST)

पटना (अभिषेक कुमार सिंह): मणिपुर में जदयू के 5 विधायकों के भाजपा में शामिल होने पर ललन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में धनबल का प्रयोग कर विधायकों को तोड़ा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार और सदाचार की परिभाषा बदल रहे हैं। 

''मणिपुर में धन-बल का प्रयोग किया गया''
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में जो हमारे विधायक जीते वो बीजेपी को हरा कर जीते है। अरुणाचल प्रदेश में 2020 में जो बीजेपी ने किया वह गठबंधन का धर्म नहीं निभाया। उन्होंने कहा कि भाजपा महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली में जो सरकार बदलने का प्रयास कर रही हैं उसका असर देश में दिख रहा है। गठबंधन धर्म, नैतिकता का पाठ पढाने वाले भाजपा के लोगों ने बाद में सात में छह विधायकों को तोड़ लिया और एक को हाल में अपने दल में मिला लिया है। लेकिन मणिपुर में जो कुछ भी हुआ, वहां धन-बल का प्रयोग किया गया है।'' 

"JDU को राष्ट्रीय पार्टी बनने से नहीं रोक पाएगी BJP" 
लगभग चार दशकों से नीतीश कुमार के साथ जुड़े ललन ने कहा, ‘‘भाजपा चाहे जो भी चाल चले, वह 2023 तक जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनने से नहीं रोक पाएगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को अपने बारे में चिंता करनी चाहिए। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा और किसी ने 42 रैलियों को संबोधित नहीं किया लेकिन पार्टी 243 सदस्यीय विधानसभा में 53 सीटें ही जीत सकी थी। उन्हें 2024 में अपने भाग्य के बारे में सोचना चाहिए। पूरा विपक्ष उनके खिलाफ एकजुट होगा।''

मोदी के हालिया आरोप कि विपक्षी दल भ्रष्ट लोगों की रक्षा के लिए जुटे हुए हैं, इसका जिक्र करते हुए जदयू प्रमुख ने कटाक्ष किया, ‘‘भाजपा अन्य दलों के साथ जो कर रही है वह सदाचार है, लेकिन धन बल के उसके खुले इस्तेमाल के खिलाफ एक संयुक्त लड़ाई भ्रष्टाचार है। प्रधानमंत्री ने इसे फिर से परिभाषित किया है।'' उन्होंने बिहार भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी की उस टिप्पणी की भी आलोचना की जिसमें सुशील मोदी ने कहा था कि अरुणाचल और मणिपुर के बाद बिहार जहां पार्टी को अपने बड़े सहयोगी लालू प्रसाद की पार्टी राजद द्वारा विभाजित किया जा सकता है, के ‘‘जदयू मुक्त'' बनने की बारी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सुशील मोदी को अपने केंद्रीय नेतृत्व का दिवास्वप्न बेचने दें। इससे उन्हें राजनीतिक वनवास से बाहर आने में मदद मिल सकती है।''


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Ramanjot

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