मंत्री लेशी सिंह ने ''राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस'' के अवसर पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का किया उद्घाटन, PDS PARAKH ऐप का भी किया लोर्कापण

Tuesday, Dec 24, 2024-06:45 PM (IST)

पटनाः आज अधिवेशन भवन, पटना में माननीय मंत्री, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग लेशी सिंह द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस, 2024 के अवसर पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। माननीय मंत्री द्वारा इस अवसर पर उपभोक्ता जागरूकता विवरणिका (Brochure) तथा आपूर्ति पदाधिकारियों के सिविल लिस्ट पुस्तिका का विमोचन किया गया। माननीय मंत्री ने जन वितरण प्रणाली दुकानों का निरीक्षण हेतु बनाए गए PDS PARAKH ऐप का भी लोकार्पण किया।

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PDS PARAKH ऐप लान्च के साथ बिहार सरकार ने Digital Bihar की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस ऐप का निर्माण जन वितरण निरीक्षण प्रणाली को और मजबूत तथा प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किया गया है। इससे अधिकारियों को जन वितरण प्रणाली दुकानों की जांच करने में सुविधा होगी और लाभुकों के फीडबैक की बेहतर मानिटरिंग हो पायेगी। इस ऐप के लान्च से न केवल जांच प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि लाभुकों की समस्याओं का त्वरित समाधान भी हो पायेगा। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा उठाया गया यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे जन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने में काफी मदद मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान माननीय मंत्री द्वारा बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम ¼BSFC½] पटना कार्यालय में e-office का शुभारंभ किया गया। e-office  के माध्यम से बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति के कार्यालय के कार्यों में तेजी एवं पारदर्शिता आएगी। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस, 2024 के राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान उपभोक्ता अधिकार एवं जागरूकता पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रस्तुतीकरण किया गया जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के पति जागरूक बनाया गया। इस कार्यक्रम में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 में उपभोक्ताओं के अधिकार से संबंधित वर्णित प्रावधानों से अवगत कराने हेतु प्रस्तुतीकरण करते हुए उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया।

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माननीय मंत्री, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, लेशी सिंह ने कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व के कारण उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं से सम्बंधित वस्तुओं के व्यापार एवं सेवाओं की शुद्धता, सही माप-तौल, सही मूल्य एवं गुणवत्ता व अधिकारों तथा सेवाभाव के मानकों का दृढ़ता से पालन करने के दिशा में सार्थक प्रयास किया गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा हेतु राज्य के प्रत्येक जिले में जिला उपभोक्ता आयोगों का गठन किया गया है जहाँ कोई भी उपभोक्ता अपने अधिकारों से वंचित होने पर 50 लाख रूपये तक के दावों के लिए शिकायत स्वयं या किसी स्वयंसेवी संस्था या अधिवक्ता के माध्यम से वाद दायर कर सकते हैं। माननीय मंत्री ने यह भी कहा कि यदि उपभोक्ता को जिला उपभोक्ता आयोगों के मंचों से न्याय नहीं मिलता है तो वे राज्य मुख्यालय, पटना में कार्यरत राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर कर सकते हैं। जिला आयोगों में 50 लाख रूपये तक तथा राज्य आयोग में 50 लाख से 2 करोड़ रूपये तक के दावों की सुनवाई होती है और 2 करोड़ से अधिक के दावों का निस्तारण राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली में किया जा जाता है। साथ ही वस्तुओं के खरीदने अथवा सेवा प्राप्त करने के लिए भुगतान किया गया मूल्य 5 लाख तक किया गया है तो परिवाद दायर करने के लिए कोई शुल्क देय नहीं है। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में सितम्बर 2024 तक कुल 18,167 (अट्ठारह हजार एक सौ सड़सठ) वादों एवं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में कुल 1,14,791 (एक लाख चkSदह हजार सात सौ इक्यानबे) वादों को निष्पादित करते हुए उपभोक्ताओं को लाभ पहुँचाया गया है।  माननीय मंत्री ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को जागरूक करने हेतु बनाई गई विवरणिका का स्वागत करते हुए कहा कि इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने में काफी मदद मिलेगी। साथ ही उन्होने कहा कि PDS PARAKH ऐप के माध्यम से जन वितरण प्रणाली दुकानों के निरीक्षण में काफी सहायता मिलेगी।

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इस अवसर पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव, डाॅ. एन. सरवण कुमार ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा एवं उन्हें अपने अधिकार के प्रति शिक्षित करने हेतु भारत सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 आज ही के दिन अर्थात 24 दिसम्बर 1986 को पूरे देश में लागू किया था। इस अवसर पर पूरे देश में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का आयोजन किया जाता है। आज उपभोक्ता दिवस के अवसर पर हम सभी लोगों का दायित्व है कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जाय। किसी भी वस्तु अथवा सेवा में त्रुटि हो, तो उपभोक्ता को सबसे पहले कस्टमर केयर शिकायत करना चाहिए। अगर वहां से उपभोक्ता को समाधान न मिले तब उपभोक्ता को टाल फ्री नं0-1915 पर डायल कर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। यहां 17 भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने की सुविधा है तथा यहां से सीधे उत्पादक से समस्या का समाधान की व्यवस्था है। इन दोनों विकल्पों का चयन करने के बाद भी उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं मिले तब उन्हें जिला उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए उत्पाद या सेवा में त्रुटि के लिए सिर्फ दुकान या ऑनलाइन खरीदारी का बिल होना चाहिए  ग्राहकों को इस बात के लिए भी जागरूक किया जाना चाहिए कि वस्तु या सेवा खरीदते समय उन्हें बिल आवश्य लेना है। जिस उत्पाद में गड़बड़ी मिली हो उपभोक्ता को साक्ष्य के रूप में इसका सैम्पल आवश्य रखना  चाहिए। इसके साथ ही सचिव ने बैंक, बीमा, बिजली, कोचिंग, आर्पाटमेंट फलैट, कपड़े, ई-कामर्स, होम डीलिवरी आदि में उपभोक्ताओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पड़ बल दिया।  

 


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Content Editor

Swati Sharma

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