पटना जू में घड़ियाल संरक्षण पर हुआ ऐतिहासिक समझौता, गंडक नदी में संख्या पहुँची 372 पार

Saturday, Oct 04, 2025-10:03 PM (IST)

पटना: वन्यप्राणी सप्ताह 2025 के तीसरे दिन शनिवार को संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में घड़ियाल संरक्षण पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) समारोह आयोजित किया गया जिसमें घड़ियाल संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर वन विभाग एवं WTI के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ । यह कार्यक्रम जैविक उद्यान के थ्री डी थिएटर हॉल में संपन्न हुआ, जिसकी शुरुआत अभय कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षण सह मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक, बिहार के स्वागत संबोधन से हुई।

इस अवसर पर प्रधान सचिव आनंद किशोर ने कहा कि बिहार सरकार वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक नया उदाहरण प्रस्तुत करने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि संजय गांधी जैविक उद्यान घड़ियाल संरक्षण में देश और दुनिया में दूसरे स्थान पर है और विभाग इसे शीर्ष पर लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक अभय कुमार ने कहा कि बेतिया में इनक्यूबेशन सेंटर कम इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में गंडक नदी में 50 से भी कम घड़ियाल थे, लेकिन पटना जू से 30 घड़ियालों के पुनर्वास के बाद आज उनकी संख्या 372 से अधिक हो चुकी है। इस समझौता ज्ञापन से इनक्यूबेशन सेंटर कम कंजर्वेशन सेंटर स्थापित होगा, जो घड़ियाल संरक्षण को नई दिशा देगा।

WTI के निदेशक एवं चीफ इकोलॉजिस्ट डॉ. समीर सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि घड़ियाल संरक्षण के क्षेत्र में गंडक नदी अब चंबल के बाद दूसरे स्थान पर है, जो बिहार के लिए गर्व की बात है।

वहीं, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) पी.के. गुप्ता ने बताया कि जल्द ही चिड़ियाघर की नेचर लाइब्रेरी में पूर्व मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक स्व. एस.पी. शाही की किताब रखी जाएगी, जिसमें घड़ियाल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि गंडक के अलावा कोसी, महानंदा और सोन नदी में भी संरक्षण की अपार संभावनाएँ हैं और लक्ष्य है कि बिहार गंडक नदी को देश में प्रथम स्थान दिलाए।

कार्यक्रम का समापन जू निदेशक हेमंत पाटिल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने बताया कि हर वर्ष पटना जू में औसतन 80-85 घड़ियाल शिशु जन्म लेते हैं, जबकि वर्ष 2025 में यह संख्या बढ़कर 91 हो गई है  , जो घड़ियाल संरक्षण के प्रति बिहार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

कार्यक्रम में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) पी.के. गुप्ता, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक अभय कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैंपा) सुरेंद्र सिंह, सीसीएफ (आईटी) एस. चंद्रशेखर, सीसीएफ संयुक्त वन प्रबंधक एस. कुमारसामी , जू निदेशक हेमंत पाटिल ,  डॉ. समीर सिन्हा (निदेशक, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया - WTI) तथा जोस लुईस (सीईओ, WTI) समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


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Ramanjot

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