रोजगार का मतलब केवल नौकरी नहीं, खुद के पैरों पर खड़े होकर नया स्टाटर्अप करें युवा: राज्यपाल
Thursday, Apr 27, 2023-02:46 PM (IST)

भागलपुर: बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि रोजगार का मतलब केवल नौकरी नहीं है। आर्लेकर ने बुधवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के 47वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों को नई ऊर्जा वाले एवं समाज को नई दिशा दिखाने वाले लोग ऐसे कार्यक्रमों में ही मिलते हैं। छात्र-छात्राएं युवा मित्र के तरह है और वे छात्रों से कुछ सीखने आए हैं। उनके मेहनत का फल आज उनके हाथ में डिग्री के रूप में है। छात्र जब विश्वविद्यालय से बाहर कदम रखें तो वे सफल हों। कुछ छात्र ऐसे भी होंगे जिन्होंने पढ़ाई के साथ रोजगार भी किया होगा और उन्होंने डिग्री प्राप्त की।
कुलाधिपति ने कहा कि दीक्षा समाज के प्रति और राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से काम करने का नाम है। उन छात्रों को अपने मेडल और डिग्री पर गर्व है और होना भी चाहिए। यह दीक्षांत है शिक्षांत नहीं। शिक्षा की कोई आयु नहीं होती। जो ज्ञान छात्रों ने महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के चाहरदीवारी में प्राप्त किया है वह पर्याप्त नहीं है। जब छात्र बाहर जाएंगे तब उन्हें यह एहसास होगा। अर्लेकर ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम जिनके नाम पर है अर्थात तिलकामांझी। उनके जीवन के आदर्श को अपने सामने रखेंगे तो यह भी काफी होगा। तिलकामांझी ने अपने समाज के समर्पित लोगों, देश और जनता के लिए त्याग किया है। वे केवल वनवासियों के लिए नहीं बल्कि हम सभी के आदर्श हैं। हम उनके आदर्शो पर चलें। उनका आदर्श है देश और समाज के लिए समर्पित होकर कार्य करना।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘ डिग्री लेकर नौकरी ढूंढने के लिए जाएंगे। ऐसा क्यों नहीं हो सकता कि स्वयं अपने पैर पर खड़े हो डिग्री के आधार पर खुद का कुछ निर्माण करें। यह छात्रों को तय करना है कि वे नौकरी करने वाले बनना चाहेंगे या नौकरी देने वाले। आज प्रधानमंत्री कार्यालय के वेबसाइट पर सभी योजनाओं का जिक्र है। रोजगार का मतलब केवल नौकरी नहीं है। युवाओं में इतनी हिम्मत होनी चाहिए कि वे खुद के पैरों पर खड़े होकर कुछ नया स्टाटर्अप करें। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी मतलब गारंटीड पोवर्टी है। वेतन निश्चित है। जबकि खुद के व्यवसाय में नौकरी की तुलना में कई गुना अधिक कमा सकते हैं। युवाओं को तय करना है कि गारंटीड पोवर्टी चाहिए या रिस्की पॉसिबिलिटी। युवाओं में हिम्मत होनी चाहिए वह अपने पैरों पर खड़ा होकर देश के सामने उदाहरण प्रस्तुत करें।