मुख्यमंत्री नीतीश के अथक प्रयास से बिहार में होने वाला है 36,000 करोड़ का निवेश, पलायन की समस्या से युवाओं को मिलेगी निजात
Tuesday, Sep 10, 2024-05:59 PM (IST)
पटना (विकास कुमार): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार में उद्योग के विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं। अब जाकर उनके अथक प्रयास ने रंग लाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अथक प्रयास से अब बिहार में 36 हजार करोड़ रुपए का निवेश होने जा रहा है। गौरतलब है कि बिहार में निवेश प्रोत्साहन हेतु देश और विदेश के विभिन्न स्थानों में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया था।
बिहार की ओद्योगिक प्रगति के लिए दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, बंगलौर, चेन्नई, दुबई,सेन फ्रांसिस्को(अमेरिका) में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया। वहीं 2023 के दिसंबर महीने में राजधानी पटना में बिहार बिजनेस कनेक्ट, मेगा इवेन्ट का आयोजन किया गया, जिसमें 16 देशों से आए 600 से अधिक कंपनियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के दौरान 278 कंपनियों ने 50,530 करोड़ रुपए के निवेश के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें से लगभग 36,000 करोड़ रुपए का निवेश सभी औपचारिकताओं के बाद जमीन पर उतरने जा रहा है। बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने पुष्टि की है कि 36,000 करोड़ रुपए का निवेश होने जा रहा है।
‘उद्योग के विकास के लिए नीतीश बाबू ने बनाई ठोस नीति’
बिहार में उद्योग के विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कानूनों को सरल किया है। स्टार्टअप नीति, लॉजिस्टिक्स नीति, चमड़ा और वस्त्र नीति, निर्यात संवर्धन नीति, बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति और औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति की वजह से राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। नीतीश सरकार की नीतियों की वजह से बिहार एक उभरते हुए व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है। बिहार में अडाणी, जे के लक्ष्मी सिमेंट, ब्रिटानिया, एस एल एम जी, टाइगर एनालिटिक्स और एचसीएल जैसी बड़ी कंपनी निवेश कर रही है। वहीं बिहार सरकार सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए इन सारे निवेश को क्लीयरेंस दे रही है। राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड द्वारा अप्रैल 2023 से अब तक 9,593 करोड़ रुपए के 688 प्रस्तावों को स्टेज-1 अनुमोदन प्राप्त हुआ है।इसके अलावा 3,755 करोड़ रुपए के 305 इकाइयों को वित्तीय मंजूरी मिली है और 3,872 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 303 इकाइयों कार्यान्वयन चरण में पहुंच चुकी है।
बिहार में औद्योगिक पार्क से लोगों को होगा सीधा फायदा
उद्योग विभाग द्वारा बियाडा एवं आयडा के सहयोग से निम्नलिखित औद्योगिक पार्क का विकास किया जा रहा है-
*मेगा फूड पार्क( मोतीपुर,मुजफ्फरपुर)—144 एकड़ में फैले मेगा फूड पार्क का निर्माण 180 करोड़ रुपए के परियोजना लागत से कराया है जिसमें खाद्य प्रसंस्करण की इकाइयां स्थापित होगी।
*इरेडिएशन सेंटर कम पैक हाउस (बिहटा)- 53 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इरेडिएशन सेंटर से बिहार के खास उत्पादों की गुणवत्ता एवं निर्यात में वृद्धि होगी।
*इंटीग्रेटेड एक्सपोर्ट पैक हाउस (बिहटा)- 9 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित पैक हाउस वर्तमान में संचालित है तथा इससे फल एवं सब्जियों का निर्यात किया जा रहा है।
* चमड़ा उत्पाद पार्क(महवल)- चमड़ा उत्पाद पार्क का निर्माण 940 करोड़ रुपए की लागत से 62 एकड़ के क्षेत्रफल में महवल,मुजफ्फरपुर में किया जा रहा है,जिसमें बेल्ट,जूता,पर्स इत्यादि के उद्योग लगेंगे।
* किशनगंज जिले के भडियादांगी में 34 एकड़ का चमड़ा क्लस्टर लगाया जा रहा है।
*मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क (फतुहा)- 105 एकड़ में विकास किए जा रहे मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क से कच्चे माल एवं उत्पाद का परिवहन सुगम होगा।
*इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर- अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर रूट पर गया में 1670 एकड़ जमीन पर विकसित किया जा रहै।यह बिहार का अब तक का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होगा।
* नवानगर(बक्सर) एवं कुमारबाग(बेतिया) में 125 एकड़ में विशेष आर्थिक क्षेत्र के निर्माण से बिहार से होने वाले निर्यात में वृद्धि होगी।
उद्योग के विकास में बियाडा का विशेष योगदान
बिहार में औद्योगिक क्षेत्र के विकास की प्रमुख एजेंसी बियाडा है।इसके द्वारा मूलभूत सुविधाओं सहित किफायती दरों पर उद्योगों की स्थापना के लिए पारदर्शी तरीके से भूमि का आवंटन किया जाता है।वर्तमान में बियाडा के कुल 85 औद्योगिक क्षेत्र हैं जिनमें लगभग 2000 एकड़ भूमि आवंटन हेतु बचा हुआ है। इसके अलावा कुल 24 लाख वर्ग फुट में प्लग एण्ड शेड का निर्माण कराया गया है जिनमें 15.50 लाख वर्गफुट का आवंटन हो चुका है तथा 8.50 लाख वर्ग फुट शेष है।
बिहार में 36,000 करोड़ रुपए के निवेश से उद्योग की गति तेज होगी। इसके अलावा राज्य के युवाओं को बड़े पैमाने पर अपने ही प्रदेश में रोजगार का अवसर मिलेगा,इससे व्यापक पैमाने पर होने वाले पलायन की समस्या से भी निजात मिलेगी। पहले बिहार में आधारभूत संरचना का नितांत अभाव था। जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता संभाली तब से उन्होंने आधारभूत संरचना का अभूतपूर्व गति से विकास किया। आज बिहार के गांव गांव तक सड़क का जाल बिछ गया है और हर गांव को 24 घंटे बिजली की सप्लाई हो रही है। इसी वजह से अब देश भर के उद्योगपति बिहार में निवेश करने के लिए तैयार हो गए हैं। आने वाले दिनों में बिहार में निवेश की गति में और भी तेजी आएगी। इससे अगले दशक में बिहार देश के औद्योगिक मैप पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल होगा।