श्रावणी मेलाः कोरोना के कारण इस बार भी कांवरिया पथ पर नहीं गूजेंगे बोल बम के जयकारे

7/21/2021 5:59:25 PM

 

भागलपुरः कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण से जूझ चुके लाखों लोगों ने बाबा भोलेनाथ से प्राणों की रक्षा करने की प्रार्थना की होगी और ठीक हो जाने पर सावन में उनका जलाभिषेक करने की मन्नत भी मांगी होगी लेकिन सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण बिहार के सुल्तानगंज से झारखंड के देवघर के बीच लगभग 110 किलोमीटर के कांवरिया पथ पर इस बार भी बोल बम के जयकार नहीं गूजेंगे।

बिहार सरकार के अनलॉक-4.0 के तहत सार्वजनिक रूप से धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक और धार्मिक स्थलों को बंद रखने के निर्देश की वजह से भागलपुर जिला प्रशासन ने सुल्तानगंज में इस बार भी एक माह तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सुल्तानगंज में प्रवाहित उत्तरवाहिनी गंगा घाटों पर दंडाधिकारियों के साथ पुलिस की तैनाती भी कर दी गई है। ऐसे में जहां एक ओर लाखों कांवरियों को अपने-अपने घरों में ही बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना करनी होगी और प्रार्थना करनी होगी कि बाबा बैद्यनाथ लोगों को इस महामारी से निजात दिलाएं ताकि वह अगले वर्ष बाबा धाम जाकर उनका जलाभिषेक कर सकें।

वहीं, इस मेले से जुड़े दो राज्यों के हजारों परिवारों को लगातार दूसरे वर्ष भी आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ेगी। उत्तरवाहिनी गंगा तट पर अवस्थित जिले के सुल्तानगंज में देश-विदेश से आने वाले लाखों गेरुआ वस्त्रधारी कांवरियों का जत्था यहां अपने कांवर में पवित्र जल भरकर देवघर स्थित बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए प्रस्थान करता रहा है। सुल्तानगंज से देवघर तक निर्मित कच्चे कांवरिया पथ से बड़े-छोटे सभी कांवरिया करीब एक सौ दस किलोमीटर की दुर्गम पैदल यात्रा करते हैं। इस दौरान सम्पूर्ण मार्ग गेरुआधारी कांवरियों से पट जाता है और उनके बोल बम व हर हर महादेव के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
 


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Content Writer

Diksha kanojia

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