Diwali 2025: 20 या 21 अक्टूबर कब है दिवाली? जानिये छोटी दिवाली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा से लेकर भाई दूज की सही तारीख
Saturday, Oct 11, 2025-10:00 PM (IST)
Diwali 2025 Bihar: दीपावली का पर्व नजदीक है और इस बार भी इसकी सही तिथि और पूजन मुहूर्त को लेकर बिहार में लोगों में उत्सुकता है। परंपरा के अनुसार दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या की रात मनाई जाती है, जब विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यही कारण है कि इसे रात में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार कहा जाता है।
बिहार में अमावस्या तिथि 2025
- प्रारंभ: 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 3:44 बजे
- समाप्ति: 21 अक्टूबर 2025, शाम 5:54 बजे
अमावस्या का प्रभाव मुख्यतः 20 अक्टूबर की रात में रहेगा। इस बार दीपावली का लक्ष्मी पूजन निशीथ और प्रदोष काल में होने के कारण बिहार में 20 अक्टूबर की रात को ही शास्त्रसम्मत माना गया है।
कुछ लोग उदय तिथि पर 21 अक्टूबर को भी पूजा कर सकते हैं, लेकिन ज्योतिषाचार्यों और पंडितों की सलाह मुख्यतः 20 अक्टूबर को पूजा करने की है।
20 अक्टूबर 2025 के प्रमुख पूजन मुहूर्त
- रूप चौदस स्नान: 4:46 – 6:25 बजे
- अभिजीत मुहूर्त: 11:48 – 12:34 बजे
- संध्या पूजा: 5:57 – 7:12 बजे
- लक्ष्मी पूजा: 7:23 – 8:27 बजे
- प्रदोषकाल: 5:57 – 8:27 बजे
- वृषभकाल: 7:23 – 9:22 बजे
- निशीथ पूजा: 11:47 – 12:36 बजे
चौघड़िया (20 अक्टूबर)
- अमृत: 6:25 – 7:52 बजे
- शुभ: 9:18 – 10:45 बजे
- लाभ: 3:04 – 4:31 बजे
- अमृत: 4:31 – 5:57 बजे
- चर: 5:57 – 7:31 बजे
- लाभ: 10:38 – 12:11 बजे
ध्यान दें: समय में 2–5 मिनट का अंतर संभव है। राहुकाल: 7:52 – 9:18 बजे।
लक्ष्मी पूजन की विधि
- नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को लाल या पीले कपड़े पर रखें।
- मूर्ति को स्नान कराएं या चित्र को अच्छी तरह साफ करें।
- धूप और दीप जलाएं। देवी के मस्तक पर हल्दी, कुंकू, चंदन और चावल लगाएं। हार और फूल चढ़ाएं।
- पूजा के दौरान अनामिका अंगुली (रिंग फिंगर) से गंध, चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी और मेहंदी लगाएं।
- अंत में नैवेद्य (भोग) अर्पित करें और पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें।

