जहरीली शराब त्रासदीः बिहार कांग्रेस नेता ने NHRC के नोटिस को लेकर जताई नाराजगी
Monday, Dec 19, 2022-08:47 AM (IST)

पटनाः कांग्रेस की बिहार इकाई के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की तरह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का भी ‘‘दुरुपयोग'' किया जा रहा है।
कांग्रेस के विधानपरिषद सदस्य मिश्रा ने सारण जहरीली त्रासदी को लेकर राज्य की नीतीश कुमार सरकार को हाल ही में एनएचआरसी द्वारा नोटिस जारी किए जाने पर आपत्ति जताते हुए यह आरोप लगाया। मिश्रा ने पूछा, ‘‘क्या एनएचआरसी वास्तव में यह मानता है कि जहरीली शराब से होने वाली मौतों को मानवाधिकारों का उल्लंघन है। यदि ऐसा है तो आयोग ने कार्रवाई क्यों नहीं की है जब इसी तरह की घटनाएं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे भाजपा शासित राज्यों में हुई हैं।''
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘बिहार में शराब की बिक्री और सेवन अवैध है। इसलिए जो लोग मारे गए हैं, एक अवैध कार्य करते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं, चाहे उनकी मौत कितनी भी दुखद क्यों न हो। बिहार सरकार शराबबंदी को लागू करने के लिए प्रयास कर रही है।'' बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हाल ही में 30 लोगों की मौत हो गई है, जो राज्य में अप्रैल 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी के बाद की सबसे बड़ी त्रासदी है। हालांकि अपुष्ट रिपोर्टों में हालांकि मरने वालों की संख्या 50 से अधिक बताई गई है।
मिश्रा ने आरोप लगाया, ‘‘इस पृष्ठभूमि में एनएचआरसी को कार्रवाई करने से बचना चाहिए जैसे कि वह भी सीबीआई और ईडी जैसी राजनीतिक सत्ता के हाथों में एक उपकरण बन गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को राजनीतिक विद्वेष के तहत वैधानिक निकायों का दुरुपयोग करने से भी बचना चाहिए।''
उल्लेखनीय है कि पिछले अगस्त महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपनी पार्टी जदयू में फूट डालने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए राजग से नाता तोड़ लिए जाने और 7 दलों के महागठबंधन की नई सरकार बना लिए जाने पर भाजपा बिहार में सत्ता से बाहर हो गई थी। जदयू के शीर्ष नेता नीतीश कुमार तब से 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए ‘‘एकजुट विपक्ष'' की पुरजोर वकालत कर रहे हैं।