DCE दरभंगा में सी-डैक कोलकाता ने लॉन्च किया फिनिशिंग स्कूल, स्टार्टअप्स के लिए साबित होगा बड़ा सहयोगी

Tuesday, Jan 28, 2025-06:18 PM (IST)

पटना: विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के अन्तर्गत दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग 27 जनवरी 2025 सी-डैक कोलकाता ने बंगाल और बिहार के इंजीनियरिंग छात्रों के लिए 3डी प्रिंटिंग और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर फिनिशिंग स्कूल प्रोग्राम लॉन्च किया। यह कार्यक्रम सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) कोलकाता के सहयोग से शुरू किया गया है। यह पहल बिहार और पश्चिम बंगाल के इंजीनियरिंग छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकी कौशल से लैस करने और उन्हें उद्योग की मांगों के अनुसार तैयार करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटना है। 

स्टार्टअप्स के लिए बड़ा सहयोगी साबित होगा यह स्कूल 
फिनिशिंग स्कूल 16,000 इंजीनियरिंग स्नातकों और अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षित करेगा। इसके अलावा 4,000 छात्रों के लिए विशेष बूट कैंप का आयोजन किया जाएगा। इस पहल के तहत डीसीई में एक उन्नत प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी, जो स्टार्टअप्स, छोटे और मध्यम उद्योगों (एसएमई) और बड़े उद्योगों को प्रोटोटाइप बनाने तकनीकी दस्तावेज तैयार करने लागत विश्लेषण और सामग्री विनिर्देशों में सहायता प्रदान करेगी। यह फिनिशिंग स्कूल स्टार्टअप्स के लिए भी एक बड़ा सहयोगी साबित होगा। छात्रों को न केवल उद्योग की मांगों के अनुसार तैयार किया जाएगा, बल्कि उन्हें अपने स्वयं के स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा। उन्नत प्रयोगशालाओं की स्थापना से छात्र प्रोटोटाइप निर्माण और नए उत्पाद विकसित करने में सक्षम होंगे। कार्यक्रम का एक अन्य प्रमुख पहलू यह है कि यह 3डी प्रिंटिंग तकनीक के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने और उनसे प्रेरित उत्पादों के निर्माण और विपणन को भी बढ़ावा देगा। सी-डैक, उद्योग जगत और प्लेसमेंट सेल के साथ साझेदारी करके छात्रों के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित करेगा। 

नए-नए उत्पाद बनाने में सक्षम होंगे छात्र 
डीसीई के छात्रों, शोधकर्ताओं और फैकल्टी सदस्यों को यह फिनिशिंग स्कूल अनुसंधान और विकास के नए अवसर प्रदान करेगा। छात्र नवीनतम तकनीकों का प्रयोग कर नए-नए उत्पाद बनाने में सक्षम होंगे, जो उन्हें उद्योग जगत में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा। साथ ही, फैकल्टी सदस्य अपने अनुसंधान को उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप ढाल सकेंगे। संस्थान ने इस पहल के माध्यम से न केवल बिहार में बल्कि पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। यह कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा को एक नई दिशा देगा और छात्रों को रोजगारपरक कौशल प्रदान करेगा।


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Content Writer

Ramanjot

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