शिक्षा विभाग के नए फरमान पर BJP आक्रोशित, नवल किशोर बोले- शिक्षकों के मौलिक अधिकारों के साथ की गई छेड़छाड़
Thursday, Nov 30, 2023-04:34 PM (IST)

पटना(अभिषेक कुमार सिंह): बिहार सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई तरह के बदलाव इन दिनों किए जा रहे हैं। अब शिक्षा सचिव द्वारा आदेश दिया गया है कि स्कूलों में कोई भी शिक्षक किसी भी तरह का संगठन नहीं चला सकता है और मीडिया में किसी तरह का कोई बयान नहीं दे सकता है। शिक्षा सचिव के इस फरमान पर बीजेपी आक्रोशित है। राजधानी पटना में बीजेपी के वरिष्ठ नेता विधान परिषद नवल किशोर यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
"शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के मौलिक अधिकारों के साथ की छेड़छाड़"
बीजेपी के एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा माध्यमिक प्राइमरी सेकेंडरी क्षेत्र में जो षड्यंत्र चल रहा है, किस राज्य में शिक्षा के नाम पर शिक्षकों को प्रदरित करने की बात होती है, अपना टीआरपी बैठने की बात होती हो, मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा हो। उन्होंने कहा कि इसे शिक्षक स्वीकार नहीं करेंगे। अनुच्छेद 6 में मौलिक अधिकारों में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि हम अपने संगठन को बना सकते हैं और अपने अधिकारों के लिए हम लड़ेंगे। किसी भी स्थिति में भारत के सांसद और राज्यों का विधान मंडल मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता है तो कोई विभाग का अधिकारी कैसे कर सकता है? शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के मौलिक अधिकारों के साथ छेड़छाड़ किया हैं, ये अपराध है।
"नीतीश इन नियमों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करे"
नवल किशोर यादव ने कहा कि गाइडलाइन दिया गया है कि कोई शिक्षक संगठन नहीं बन सकता है कोई सदस्य नहीं हो सकता और कोई सोशल मीडिया पर अपने वक्तव्य को नहीं दे सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का जो भी निर्देश है, वह गैर उचित है। विश्वविद्यालय का कुलपति रजिस्टर और कुलपति से आग्रह है कि इस चुनौती को स्वीकार करना है और आदेश को नहीं मानना है। सरकार ने हमारी छुट्टियां में कटौती की है, हमारी संस्कृति है उत्सव मनाने की, हर एक नागरिक को जिम्मेवारी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन नियमों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करे, अन्यथा हम सभी शिक्षक बड़ा आंदोलन करेंगे। यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती हैं तो हम सरकार का ईट से ईट बजा देंगे।