गोपालगंज में बड़ा फर्जीवाड़ा बेनकाब: दो नियोजित शिक्षकों के BETET सर्टिफिकेट फर्जी, नौकरी गई – FIR दर्ज
Saturday, Dec 06, 2025-05:52 PM (IST)
BETET Fake Certificate Case: गोपालगंज जिले में नियोजन व्यवस्था से जुड़े एक गंभीर मामले का खुलासा हुआ है। जिले में कार्यरत दो नियोजित शिक्षकों के बीईटीईटी (BETET) प्रमाणपत्रों की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। निगरानी ब्यूरो, पटना द्वारा भेजी गई सत्यापन रिपोर्ट में दोनों शिक्षकों के अंकपत्र फर्जी पाए गए, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने दोनों की सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षकों में नव प्राथमिक विद्यालय शंकरपुर ओराडीह की टीना मुन्नी खातुन और नव प्राथमिक विद्यालय परसौनी मलाही टोला के सुबोध कुमार मांझी शामिल हैं।
निगरानी कोषांग की जांच में खुली पोल
जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की स्थापना शाखा के अंतर्गत संचालित निगरानी कोषांग ने शिक्षकों के फोल्डरों की विस्तृत जांच की। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना से प्राप्त सत्यापन रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि दोनों शिक्षकों के BETET अंकपत्र असली नहीं हैं।
इसी आधार पर दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज भी की गई है।
पुलिस अवर निरीक्षक (शिक्षक जांच) अमरेश कुमार ने— बैकुंठपुर थाना कांड संख्या 436/25 (21 नवंबर 2025) महम्मदपुर थाना कांड संख्या 267/25 (25 नवंबर 2025) के तहत मामले दर्ज किए हैं।
एक सप्ताह में नौकरी से छुट्टी का आदेश
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) सह नोडल पदाधिकारी साहेब आलम ने आदेश जारी करते हुए संबंधित पंचायत सचिव और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को एक सप्ताह के भीतर सेवा समाप्ति की कार्रवाई पूरी करने को कहा है। साथ ही यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर भविष्य में वेतन भुगतान या प्रशासनिक जटिलता पैदा होती है, तो उसकी जिम्मेदारी स्थानीय अधिकारियों की होगी।
फर्जी सर्टिफिकेट पर विभाग का कड़ा रुख
शिक्षा विभाग का कहना है कि हाल के महीनों में नियोजित शिक्षकों के दस्तावेजों की बड़े पैमाने पर जांच चल रही है। इसमें प्रमाणपत्र सत्यापन, नियोजन फाइलों का ऑडिट और प्रशिक्षण संबंधी रिकॉर्ड की गहन जांच शामिल है। विभाग ने साफ कहा है कि फर्जी दस्तावेजों और भ्रष्टाचार के मामलों में ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति जारी रहेगी।

