बिहार के किसानों के लिए बड़ी राहत: 12 जिलों में बाढ़-बारिश से तबाह फसल का मुआवजा शुरू, 2 दिसंबर तक कर लें रजिस्ट्रेशन!
Thursday, Nov 27, 2025-09:53 AM (IST)
पटना: बिहार सरकार ने भारी बारिश, Flood, और अक्टूबर महीने में आए Cyclone Mothha की वजह से फसल गंवाने वाले किसानों को बड़ी राहत दी है। कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने बुधवार को घोषणा की कि प्रभावित किसानों को भूमि की प्रकृति और उपज क्षमता के आधार पर Agriculture Input Subsidy तीन अलग-अलग दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
39 प्रखंडों में फसल को भारी नुकसान, सर्वे रिपोर्ट तैयार
मंत्री ने बताया कि 12 जिलों के 39 प्रखंडों और 397 पंचायतों में फसलों को गंभीर क्षति पहुंची थी। फसल क्षति का सर्वेक्षण एवं मूल्यांकन कार्य पूरा हो चुका है और सरकार ने निर्देश दिया है कि पात्र किसानों को जल्द से जल्द इनपुट सब्सिडी प्रदान की जाए।
रामकृपाल यादव ने कहा कि किसानों की कृषि भूमि पर वृहद स्तर पर नुकसान देखने को मिला है और सरकार का उद्देश्य प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत देना है।
2 दिसंबर तक अनिवार्य करें ऑनलाइन पंजीकरण
किसानों को मुआवजा प्राप्त करने के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट
dbtagriculture.bihar.gov.in
पर 2 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन करना आवश्यक है। सरकार ने साफ किया है कि केवल वही किसान लाभ पाएंगे, जिन्होंने समय पर अपना पंजीकरण पूरा किया होगा।
कितना मिलेगा मुआवजा? जमीन के प्रकार पर आधारित तीन सब्सिडी स्लैब
सरकार ने तीन श्रेणियों में भुगतान तय किया है:
1️⃣ असिंचित (Rainfed/Unirrigated) भूमि
- अधिकतम 2 हेक्टेयर तक
- ₹8,500 प्रति हेक्टेयर
2️⃣ सिंचित (Irrigated) भूमि
- अधिकतम 2 हेक्टेयर
- ₹17,000 प्रति हेक्टेयर
3️⃣ बहुफसली (Multi-Crop) भूमि
- गन्ना जैसी उच्च उपज वाली भूमि भी शामिल
- अधिकतम 2 हेक्टेयर
- ₹22,500 प्रति हेक्टेयर
इसके साथ ही छोटे और सीमांत किसानों के लिए न्यूनतम सहायता राशि भी तय की गई है:
- असिंचित भूमि: ₹1,000
- सिंचित भूमि: ₹2,000
- बहुफसली भूमि: ₹2,500
इन 12 जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ
सरकार के आंकड़ों के अनुसार फसल क्षति से प्रभावित जिले हैं: बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, कैमूर, मधुबनी, किशनगंज, गया, भोजपुर, मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, शिवहर और सुपौल।
मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है और नए कृषि शासन में किसानों को सुरक्षा कवच देने के लिए काम लगातार जारी रहेगा।

