Free Animal Vaccines in Bihar:पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए गांव-गांव पहुंचा टीकाकरण अभियान

Thursday, Jul 24, 2025-08:06 PM (IST)

पटना:बिहार में पिछले करीब 18 वर्षों से पशुओं को सात तरह के रोगों से बचाव के लिए नि:शुल्क  टीके लगाए जा रहे हैं। इन टीकों के कारण पशुओं की असमय होने वाली मृत्यु में कमी आई है। इसका लाभ राज्य के किसानों और पशुपालकों को मिल रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में ही पशुओं को करीब 7 करोड़ टीके लगाए गए हैं। इन टीकों में एचएस एवं बीक्यू, एफएमडी, एलएसडी, पीपीआर, ब्रुसेल्ला एवं क्लासिक स्वाईन फीवर शामिल हैं।

राज्य में पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सरकारी स्तर पर टीकाकरण वर्ष 2006- 07 से शुरु हुआ था। इससे पहले राज्य में कोई राज्यव्यापी पशु टीकाकरण अभियान संचालित नहीं था। वित्तीय वर्ष 2006-07 में पशुओं को करीब एक करोड़ टीके लगाए गए थे। जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर कुल 6.97 करोड़ से अधिक हो गया है।

इस तरह विगत वर्ष में पशुओं को करीब सात करोड़ टीके लगाए गए हैं। यह आंकड़ें साबित करते हैं कि बिहार ने पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है।

करीब दो करोड़ पशुओं को लगा है एफएमडी टीका

इन टीकों और लगाए जाने वाले पशुओं की संख्या की बात करें तो एच. एस. एवं बी. क्यू. टीकाकरण वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1.91 करोड़ हुआ। यह टीका वर्ष 2006-07 से वृहत पैमाने पर लगाने की शुरुआत हुई थी, तब यह 62 लाख पशुओं को यह लगाया गया था। वहीं एफ. एम. डी. टीकाकरण वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2.01 करोड़ पशुओं को लगाया गया। वर्ष 2006-07 से वृहत पैमाने पर राज्यव्यापी अभियान के रुप में यह टीकाकरण शुरु हुआ था तब पहले वर्ष में इसकी उपलब्धि 38.45 लाख रही थी।

2022-23 से शुरु हुआ एलएसडी टीकाकरण

एल. एस. डी. टीकाकरण वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1.16 करोड़ हुआ। इसे वर्ष 2022-23 में प्रारम्भ किया गया था। पी. पी. आर. टीकाकरण वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1.09 करोड़ हुआ। इसे वर्ष 2016-17 से शुरु किया गया था। पहले वर्ष में 80 लाख पशुओं को यह लगाया गया था। ब्रुसेल्ला टीकाकरण वित्तीय वर्ष 2024-25 में 79.07 लाख पशुओं को लगाया गया है। इसे वर्ष 2016-17 से शुरु किया गया था तब इसे 5.25 लाख पशुओं को लगाया गया था। बिहार में पशु टीकाकरण अभियान की सफलता से पशुपालकों की जिंदगी में समृद्धि और खुशहाली आई है। राज्य सरकार पशु चिकित्सा पर विशेष रुप से ध्यान दे रही है।


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Ramanjot

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