Bihar Anganwadi Update: अप्रैल से बायोमैट्रिक से जुड़ेंगे 1.14 लाख आंगनबाड़ी केंद्र, समय पर न खुलने पर होगी कार्रवाई
Friday, Dec 26, 2025-09:33 AM (IST)
Bihar Anganwadi News: बिहार सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य के करीब 1 लाख 14 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को अब बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इस नई व्यवस्था के तहत हर दिन केंद्र खुलते ही सेविका और सहायिका को अपनी डिजिटल उपस्थिति दर्ज करनी होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि केंद्र समय पर संचालित हो रहे हैं।
34 फीसदी केंद्र समय पर नहीं खुलने पर सरकार सख्त
समाज कल्याण विभाग के मुताबिक फिलहाल राज्य में 34 प्रतिशत से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र तय समय पर नहीं खुलते, जिसकी शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इसी को देखते हुए विभाग ने नई व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है। यह सिस्टम अप्रैल महीने से प्रभावी होने की संभावना है और इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
एप से बनेगी अटेंडेंस, नहीं तो आएगा रिमाइंडर
नई व्यवस्था में एक विशेष मोबाइल एप के जरिए सेविका-सहायिका को अटेंडेंस बनानी होगी। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का कोड और कर्मियों का विवरण सिस्टम में पहले से दर्ज रहेगा। यदि तय समय पर बायोमैट्रिक अटेंडेंस दर्ज नहीं होती है, तो केंद्र खुलते ही सेविका के मोबाइल पर रिमाइंडर भेजा जाएगा।
एलएस और सीडीपीओ को रोज भेजनी होगी रिपोर्ट
जब तक सभी केंद्र पूरी तरह बायोमैट्रिक सिस्टम से नहीं जुड़ जाते, तब तक विभाग ने अंतरिम व्यवस्था लागू की है। इसके तहत एलएस (लेडी सुपरवाइजर) को हर दिन किसी एक आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह सुनिश्चित करना होगा कि केंद्र खुला है। इसकी दैनिक रिपोर्ट उन्हें सीडीपीओ को भेजनी होगी। यदि कोई सेविका-सहायिका इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होती है, तो यह माना जाएगा कि केंद्र समय पर नहीं खुला और कार्रवाई की जाएगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान
इससे पहले सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों की भौतिक स्थिति सुधारने का भी बड़ा फैसला लिया था। खासकर पटना जिले में अब आंगनबाड़ी केंद्र झोपड़ियों या तंग किराये के कमरों में नहीं चलेंगे। सरकार ने इन्हें पक्के और आधुनिक भवनों में स्थानांतरित करने का मेगा प्लान तैयार किया है।
नाबार्ड के सहयोग से शुरू होने वाली इस योजना के तहत बच्चों को सुरक्षित, स्थायी और बेहतर माहौल मिलेगा। पहले चरण में जिले के सात प्रमुख अंचलों को इस बदलाव के लिए चुना गया है।

