राजगीर में किला मैदान की बाड़बंदी का कार्य रोके जाने पर एएसआई ने जताई आपत्ति, जिला प्रशासन को लिखा पत्र
Saturday, Jul 15, 2023-06:36 PM (IST)

पटना: केंद्र द्वारा संरक्षित स्मारक ‘न्यू फोर्ट वॉल' की बाड़बंदी का कार्य और राजगीर में निषिद्ध क्षेत्र में महीने भर चलने वाले ‘मलमास मेला' के लिए कथित ‘अवैध' निर्माण कार्य को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और नालंदा जिला प्रशासन के बीच विवाद छिड़ गया है। एएसआई (पटना मंडल) ने नालंदा जिला प्रशासन के स्थानीय अधिकारियों द्वारा ‘न्यू फोर्ट वॉल' (किला मैदान) की बाड़बंदी कार्य को रोके जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।
भट्टाचार्य ने जिलाधिकारी को लिखा था पत्र
पर्यवेक्षक पुरातत्वविद (एएसआई, पटना मंडल) गौतमी भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा, ‘‘यह गंभीर मामला है। जिला प्रशासन का एक अंचलाधिकारी संरक्षित स्मारक ‘किला मैदान' की एएसआई (पटना मंडल) द्वारा की जा रही बाड़बंदी का कार्य बिना किसी आधिकारिक आदेश के कैसे रोक सकता है? यह केंद्र सरकार के काम में जिला प्रशासन के अधिकारियों का अनधिकृत हस्तक्षेप है।'' भट्टाचार्य ने इस संबंध में 11 जुलाई को नालंदा के जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि चारदीवारी की मरम्मत का कार्य किला मैदान के दुरुपयोग को रोकने के लिए किया जा रहा है क्योंकि इसका इस्तेमाल बस और ट्रक जैसे भारी वाहनों की पार्किंग के लिए किया जा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया के लिए कई बार प्रयास किए जाने के बावजूद नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभांकर से संपर्क नहीं हो पाया। उन्होंने संदेश का जवाब भी नहीं दिया है। राजगीर में संरक्षित एएसआई स्मारकों में, आधे मील के दायरे में स्थित पुराना (राजगृह) और नया राजगीर नाम के नाम के क्रमश: दो पुराने एवं नये नगरों की सभी प्राचीन संरचनाएं और अवशेष शामिल हैं।
पुरातत्वविदों ने किया ये दावा
पुरातत्वविदों ने दावा किया कि राजगृह (राजगीर) के अवशेष किला मैदान के नीचे पाए गए हैं। भट्टाचार्य ने राजगीर में संरक्षित स्मारक के निषिद्ध और निगमित क्षेत्र में कथित ‘अवैध' निर्माण कार्य को लेकर भी छह जुलाई को नालंदा के जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा था। इसमें कहा गया है, ‘‘यह संज्ञान में आया है कि 18 जुलाई 2023 से 16 अगस्त 2023 तक चलने वाले मलमास मेले की तैयारियों के लिए राज्य सरकार की एजेंसियां राजगीर में संरक्षित स्मारक में और उसके आसपास अस्थायी ढांचे बना रही है।'' भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘स्मारकों के आसपास निर्माण सामग्री भी पड़ी है। ये ढांचे हमारी संरक्षित स्मारकों पर पर्यटकों की आवाजाही में बाधा डालते हैं।'' मलमास मेला प्रत्येक तीन साल पर राजगीर में आयोजित किया जाता है। कोविड-19 महामारी के चलते 2020 में इसे टाल दिया गया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ब्रह्मकुंड में की गई तैयारियों का हाल में जायजा लिया था। ब्रह्मकुंड, मेला के दौरान धार्मिक रस्मों के लिए केंद्र स्थल है।