BPSC परीक्षा रद्द होना दुर्भाग्यपूर्ण, पेपर लीक मामले में संलिप्त लोगों की तुरंत हो गिरफ्तारीः सुशील मोदी

5/10/2022 10:30:54 AM

पटनाः भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक प्रकरण और परीक्षा रद्द होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और राज्य सरकार से इस मामले में संलिप्तलोगों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की।

सुशील मोदी ने सोमवार को ट्वीट किया कि बीपीएससी का प्रश्नपत्र लीक होना और परीक्षा रद होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे लाखों छात्रों का समय बर्बाद हुआ। उन्हें फिर से परीक्षा देनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रश्न-पत्र लीक मामले में सरकार ने तुरंत जांच का आदेश दिया। इसमें संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। दूसरी परीक्षा भी जल्द कराई जानी चाहिए ताकि छात्रों को ज्यादा परेशानी न हो।

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बिहार लोकसेवा आयोग ( बीपीएससी) के प्रश्नपत्र लीक होना और परीक्षा रद होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे लाखों छात्रों का समय बर्बाद हुआ। उन्हें फिर से परीक्षा देनी पड़ेगी। पेपर लीक मामले में सरकार ने तुरंत जांच का आदेश दिया। इसमें संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। दूसरी परीक्षा भी जल्द करायी जानी चाहिए, ताकि छात्रों को ज्यादा परेशानी न हो।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 9 May 2022
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राजद राज में बीपीएससी को चार-पांच बैच की परीक्षाएं एकसाथ करानी पड़ती थीं। उनमें पैरवी-पैसे का जोर खूब चलता था। एनडीए सरकार ने बीपीएससी की साख बहाल करने के लिए अन्य राज्यों के विश्वसनीय विद्वानों की भी सेवाएँ लीं, जिससे आयोग के काम में गति और गुणवत्ता बढी। अब परीक्षाएं नियमित होती हैं। पेपर लीक की घटना के बाद आयोग को और सतर्कता बरतनी होगी।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 9 May 2022

भाजपा सांसद ने कहा कि प्रश्न-पत्र लीक प्रकरण में राजनीतिक रोटी सेंकने का मौका खोजने से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को अपनी सरकार के समय हुए काले कारनामों पर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में भ्रष्टाचार के कारण बीपीएससी के तीन पूर्व अध्यक्षों प्रो. रामसिंहासन सिंह, डॉ. रजिया तबस्सुम और डॉ. लक्ष्मी राय को जेल जाना पड़ा था। मोदी ने कहा कि राजद सरकार में बीपीएससी को चार-पांच बैच की परीक्षाएं एकसाथ करानी पड़ती थीं। उनमें पैरवी-पैसे का जोर खूब चलता था। वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने बीपीएससी की साख बहाल करने के लिए अन्य राज्यों के विश्वसनीय विद्वानों की भी सेवाएं लीं, जिससे आयोग के काम में गति और गुणवत्ता बढी। अब परीक्षाएं नियमित होती हैं। उन्होंने कहा कि प्रश्न-पत्र लीक की घटना के बाद आयोग को और सतकर्ता बरतनी होगी।

गौरतलब है कि रविवार को राज्य के अलग-अलग केंद्रों पर आयोजित 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक होने का मामला सामने आया। सोशल मीडिया पर लीक प्रश्न-पत्र वायरल होने के बाद हरकत में आई बीपीएससी ने मामले की जांच के लिए त्रिसदस्यीय टीम का गठन किया। टीम ने महज तीन घंटे में जांच रिपोर्ट आयोग को सौंप दी। रिपोर्ट मे प्रश्न-पत्र लीक होने की पुष्टि के बाद आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी।


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Content Writer

Ramanjot

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