अब नहीं काटने पड़ेंगे सैनिक कल्याण निदेशालय के चक्कर, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होगी सभी योजनाएं

Saturday, Aug 16, 2025-04:43 PM (IST)

Patna News: देश की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीर सैनिकों और उनके आश्रितों को अब बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सैनिक कल्याण निदेशालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। बिहार सरकार राज्यस्तर की सभी कल्याणकारी योजनाओं को केन्द्रीय सैनिक कल्याण बोर्ड की तरह ऑनलाइन करने जा रही है।

बता दें कि देश की सरहद की रक्षा करने वाले सैनिकों की सेवानिवृत्ति के बाद उनके पुनर्नियोजन से लेकर सैनिक कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित सभी कल्याणकारी योजनाएं जैसे उनके बच्चों के लिए शिक्षा अनुदान, वैवाहिक अनुदान और प्रधानमंत्री मेधावी छात्रवृति जैसी योजनाओं का लाभ अब सैनिकों और उनके परिजनों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे। इन योजनाओं को ऑनलाइन करने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की खरीद के लिए स्टेट एक्स सर्विसमैन बेनेवोलेंट फंड से 20 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। इसके लिए पटना जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।

बिहार सरकार ने पिछले दो वर्षों में सैनिक कल्याण निदेशालय सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए द्वारा कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। कम आयु में सेना से रिटायर होने वाले सैनिकों के पुनर्वास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। बिहार के पांच हजार भूतपूर्व सैनिकों को इमरजेंसी रिपोर्ट सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) डायल-112 में वाहन चालक के पद पर नियुक्त किया गया है। इतना ही नहीं, राजभवन सचिवालय द्वारा पूर्व सैनिकों को राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में गार्ड के रूप में नियुक्ति का फैसला लिया है। पिछले दिनों ही राजभवन के वाहन चलाने के लिए कुल आधा दर्जन पूर्व सैनिकों को नियुक्त किया गया है। भूतपूर्व सैनिकों के लिए स्नातक (बीए एचआरएम) की पढ़ाई और प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने को पिछले दिनों राजभवन में एक बैठक का आयोजना किया गया था। बैठक के बाद राज्यपाल सचिवालय आगे की कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं।

बिहार के 20 जिलों में बन रहा है इंटिग्रेटेड सैनिक काम्प्लेक्स
राज्य के उन सात जिलों जहां पूर्व से जिला सैनिक कल्याण कार्यालय संचालित हैं, के अलावा 12 अन्य जिलों में इंटिग्रेटेड सैनिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित जिलों के जिलाधिकरियों को एक एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के लिए निदेशालय के स्तर पर पत्र जारी कर दिया गया है। बता दें कि दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सिवान, बक्सर, रोहतास और भागलपुर में पहले से जिला सैनिक कल्याण कार्यालय कार्यरत हैं। जबकि 12 अन्य जिलों यथा नालंदा, बेगूसराय, सीतामढ़ी, मधुबनी, समस्तीपुर, कैमूर, औरंगाबाद, जहानाबाद, कटिहार, सहरसा, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज में इंटिग्रेटेड सैनिक काम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है।


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Content Editor

Swati Sharma

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