Lok Sabha Election 2024: क्या औरंगाबाद में कुशवाहा वोटर दिलाएंगे RJD को जीत, राजपूतों के गढ़ में लगातार दो बार जीत चुकी है BJP

3/25/2024 10:04:22 AM

औरंगाबाद: औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र बिहार के 40 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है। औरंगाबाद महान मगध साम्राज्य का केंद्र रहा है। बिम्बिसार, अजातशत्रु, चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक जैसे शासकों ने यहां राज किया। औरंगाबाद लोकसभा सीट पर आजादी के बाद से ही राजपूतों का दबदबा रहा है। आपको बता दें कि औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में दो जिले औरंगाबाद और गया की विधानसभा की 6 सीटें आती है। औरंगाबाद लोकसभा सीट पर 1952 के पहले चुनाव से अब तक सिर्फ राजपूत उम्मीदवार ही चुनाव जितते आए हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह और उनके परिवार का इस सीट पर दबदबा माना जाता है।

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1952 के पहले चुनाव में यहां से सत्येंद्र नारायण सिंह जीतकर लोकसभा पहुंचे। उन्होंने इस सीट से 7 बार लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि 2014 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के सुशील कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। 2019 में भी बीजेपी की टिकट पर सुशील कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। वहीं हम पार्टी के कैंडिडेट उपेंद्र प्रसाद दूसरे स्थान पर रहे थे। औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में औरंगाबाद जिले की कुटुम्बा(SC), औरंगाबाद और रफीगंज तो गया जिले की गुरुआ, इमामगंज(SC) और टिकारी विधानसभा सीटें शामिल है। आइए आपको बताते हैं कि कौन सी विधानसभा सीटें औरंगाबाद जिले के अंतर्गत आती हैं...
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एक नजर 2019  लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
2019 के लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद सीट पर बीजेपी कैंडिडेट सुशील कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी....सुशील कुमार सिंह ने 4 लाख 27 हजार 721 वोट हासिल किया था.....वहीं हम पार्टी के कैंडिडेट उपेंद्र प्रसाद ने 3 लाख 57 हजार 169 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था....वहीं बीएसपी कैंडिडेट नरेश यादव ने 33 हजार 772 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था...

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एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के सुशील कुमार सिंह ने 3 लाख 7 हजार 941 वोट हासिल कर अपना परचम लहराया था। वहीं कांग्रेस के निखिल कुमार 2 लाख 41 हजार 594 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के बागी कुमार वर्मा 1 लाख 36 हजार 137 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। 

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लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे 
वहीं साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो जेडीयू के सुशील कुमार सिंह ने आरजेडी के शकील अहमद को हराया था। जेडीयू के सुशील कुमार सिंह 2 लाख 60 हजार 153 वोटों के साथ पहले स्थान पर रहे थे तो जेडीयू के शकील अहमद को 1 लाख 88 हजार 95 वोटों के दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। वहीं कांग्रेस के निखिल कुमार सिर्फ 54 हजार 581 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। 

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लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो...कांग्रेस के निखिल कुमार ने 2 लाख 90 हजार 009 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। जेडीयू के सुशील कुमार सिंह 2 लाख 82 हजार 549 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि CPI के राजा राम को 1 लाख 6 हजार 888 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था। 

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वहीं औरंगाबाद लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होना है। जेडीयू छोड़ आरजेडी में आए अभय कुशवाहा को औरंगाबाद सीट से आरजेडी का सिंबल मिला है। अभय कुशवाहा को लालू यादव ने बहुत सोच समझकर टिकट दिया है। दरअसल औरंगाबाद में राजपूत जाति के लगभग दो लाख वोटर हैं। वहीं इस सीट पर 1 लाख 90 हजार के आसपास यादव मतदाता भी हैं।  इसके बाद मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब सवा लाख है ओर कुशवाहा वोटर्स भी सवा लाख के आसपास है। यहां से भूमिहार मतदाताओं की संख्या 1 लाख के आसपास है जबकि महादलित मतदाताओं की संख्या दो लाख के पार है। साथ ही अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी यहां के चुनावी परिणाम पर खासा असर डालते हैं। साफ है कि लालू यादव की कोशिश सवा लाख कुशवाहा वोटरों को रिझाने की है क्योंकि यादव और मुस्लिम मतदाता आरजेडी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं। खैर ये तो वक्त ही बताएगा कि लालू यादव का ये दांव औरंगाबाद में कितना सफल होगा। 


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Content Writer

Ramanjot

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