भीषण गर्मी से स्कूली बच्चों के बेहोश होने पर गरमाई बिहार की सियासत, तेजस्वी ने सरकार को घेरा तो चिराग ने बताया 'अत्याचार'

Wednesday, May 29, 2024-04:56 PM (IST)

पटनाः देशभर के अधिकत्तर राज्यों में जहां एक तरफ प्रचंड गर्मी अपना कहर बरपा रही है, वहीं दूसरी तरफ बिहार में सरकारी स्कूलों के बच्चे हीट वेव की चपेट में आ रहे हैं। दरअसल, भीषण गर्मी के कारण पटना, बेगूसराय, जमुई, सारण और शेखपुरा जिले के स्कूली बच्चे बेहोश हो रहे हैं लेकिन बिहार के शिक्षा विभाग के स्कूल खोलने के फरमान के आगे बिहार के जिलाधिकारी भी बेबस नजर आ रहे हैं। वहीं अब इस पर राजनीति गरमा गई है।

नीतीश कुमार जी को संज्ञान लेना चाहिएः सहनी
वीआईपी पार्टी के चीफ मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने कहा कि केके पाठक जी को हम समझते थे अच्छा ऑफिसर है। पहले कुछ अच्छे निर्णय लिए थे। लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने जो निर्णय लिए हैं, वह केवल शिक्षकों को परेशान कर रहा है। मुकेश सहनी ने कहा कि वह अपना वर्चस्व कायम कर रहा है। 6 बजे सुबह स्कूल में पहुंचना है। यह सारी चीज कहीं ना कहीं सही नहीं है। पूरे देश के लेवल को देखना चाहिए कि पूरे देश में जिस तरह की पढ़ाई हो रही है। उसी तरह की बिहार में भी होनी चाहिए। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को संज्ञान लेना चाहिए।
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बिहार में लोकतंत्र-सरकार नहीं, केवल अफसरशाही हैः तेजस्वी
वहीं भीषण गर्मी से सरकारी स्कूलों में बच्चों के बेहोश होने पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बिहार में लोकतंत्र नहीं रह गया है, सरकार नहीं रह गई है, केवल ब्यूरोक्रेसी रह गई है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अफसरशाही चरम सीमा पर है। स्कूल की टाइमिंग को लेकर अधिकारी भी मुख्यमंत्री की बात नहीं सुनते हैं। आप समझ जाइए क्या स्थिति है? मुख्यमंत्री इतने कमजोर क्यों हो गए हैं? 47 डिग्री टेंपरेचर है, लू चल रही है, छोटे बच्चों का ध्यान देना चाहिए। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि लू में मत निकलो।
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केके पाठक मानसिक रूप से पागल हो चुकेः नवल किशोर
इतना ही नहीं भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि केके पाठक मानसिक रूप से पागल हो चुके हैं। केके पाठक को ना बच्चों से लेना देना, ना शिक्षा से लेना देना और ना शिक्षक से लेना देना ह, यह पागल हो चुके हैं। भाजपा के विधान पार्षद ने कहा कि 4 जून के बाद मुख्यमंत्री जी से मेरा आग्रह होगा, इनको कहीं मानसिक आरोग्यशाला में भेज दे चिकित्सा कर दे उनको चिकित्सा की बहुत जरूरत है, जो कि मानसिक रूप से यह पागल हो चुके हैं।

चिराग पासवान ने बताया 'अत्याचार'
चिराग पासवान ने कहा कि यह गंभीर विषय है। इसे गंभीरता से लेना चाहिए। अगर कहीं पर भी कोई लापरवाही है, इस बात को बिहार सरकार सुनिश्चित करें। ऐसी घटना जिस तरीके से स्वाभाविक रूप से गर्मी बढ़ रही और बच्चों के स्कूल में इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए। अगर छुट्टी की घोषणा करनी चाहे तो वह भी करनी चाहिए। जो भी अधिकारी इसमें बाधक है, उसे पर भी कार्रवाई करनी चाहिए।
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केके पाठक के इस फैसले को लेकर लोगों में भारी आक्रोश
बता दें कि प्रचंड गर्मी को देखते हुए बिहार के सरकारी स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव कर दिया था। राज्य में सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 तक बच्चों के लिए कक्षाएं संचालित होती हैं। हालांकि, शिक्षकों को 1:30 तक स्कूल में रहना होता है। शिक्षा विभाग के इस फैसले को लेकर लोगों में भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि भीषण गर्मी की वजह से बुधवार को बिहार के 8 जिलों में 80 से अधिक छात्र बेहोश हो गए हैं। उनका अस्पताल में इलाज करवाया जा रहा है।


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Content Writer

Nitika

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