Jharkhand Politics: वन नेशन, वन इलेक्शन लोकतंत्र के खिलाफ काला निर्णय - झारखंड मुक्ति मोर्चा

Saturday, Dec 14, 2024-09:18 AM (IST)

रांची: जेएमएम पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय कैबिनेट में पारित ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को लोकतंत्र के खिलाफ ‘काला निर्णय’ है। 1950 में जब बाबा साहब संविधान को आत्मसात कर रहे थे उन्होंने एक आशंका जताई थी कि यह देश लोकतंत्र एक अधिनायकवादी न बन जाए। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की ओर बढ़ना बाबा साहेब के लोकतांत्रिक गणराज्य की परिकल्पना की हत्या करने के समान है।

"संविधान के संशोधन में कोई मूल भूत परिवर्तन नहीं होगा"
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 368 में कहा गया है, संविधान के संशोधन में कोई मूल भूत परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन अगर होता भी है तो दो तिहाई से पारित होना चाहिए, राज्य के तीन चौथाई राज्यों के द्वारा होना चाहिए। लेकिन हमने जब कैबिनेट का प्रस्ताव देखने का काम किया तो उसमें तीन चौथाई तो क्या अब 50% की भी आवश्यकता नहीं होगी। सुप्रियो भट्टाचार्य ने आगे कहा कि हमारे देश में कई राज्य में लेजिस्लेटिव काउंसिल है, वैसे परिस्थिति में वन नेशन वन इलेक्शन संविधान की हत्या है, बाबा साहब के भारत गणराज्य के परिकल्पना की हत्या है। आर्टिकल 333 कहता है एक सदन से दूसरा सदन 6 माह में बुलाना होगा, वो आर्टिकल भी आप समाप्त करना चाहते हैं। क्या ये संघीय ढांचा पर आघात नहीं होगा, केंद्र राज्य की हम बात करते हैं, कानून बनाने की शक्ति केंद्र और राज्य को है कुछ मामले में दोनों को है क्या वो शक्तियां समाप्त नहीं हो जाएगी।

"वन नेशन वन इलेक्शन से क्षेत्रीय दलों....... 
सुप्रियो भट्टाचार्य ने आगे कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन क्या क्षेत्रीय पार्टी को समाप्त करने की साजिश नहीं है? बहुत भयानक अंधेरे की तरफ हम लोग जा रहे हैं। पूरी करवाई भारत के बुनियादी सवालों से मुंह मोड़ने के लिए है। ये जो सोच है मनु स्मृति की सोच है, सत्ता श्रेष्ठता की सोच है, 2025 आर एस एस का 100 वर्ष है। जहां भी आज जरुरत है, वहां लोकतंत्र के पहरेदार एकत्रित हो जाएं।
 


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Harman

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