PM Awas Yojana: पीएम आवास योजना के तहत अब हर शहरी गरीब को मिलेगा पक्का घर, लाखों आवासों का निर्माण कार्य जारी

Friday, Apr 11, 2025-10:00 AM (IST)

PM Awaas Yojana: शहरी गरीबों को पक्का आवास मुहैया कराने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है।  बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को 31 दिसंबर 2025 तक विस्तार दिया गया है। नगर विकास एवं आवास विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, इस योजना के पहले चरण के अंतर्गत प्रदेश में अब तक कुल दो लाख 64 हजार 604 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें एक लाख 56 हजार 550 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष आवासों का निर्माण कार्य जारी है। 

इस योजना के लिए कुल चार हजार 148 करोड़ 16 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें तीन हजार 111 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और एक हजार 37 करोड़ रुपये राज्य सरकार वहन कर रही है। पीएमएवाई (शहरी) योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे गरीब परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है, जिनके पास खुद का कोई मकान नहीं है। योजना के तहत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास (बीएलसी) घटक संचालित हैं। नये आवास निर्माण के लिए लाभार्थियों को, जिनके पास निजी 30 वर्गमीटर भूमि है, उन्हें दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिसमें डेढ़ लाख रुपये केंद्र तथा 50 हजार रुपये राज्य सरकार का अनुदान शामिल है। 

अगले पांच वर्षों के लिए की गई है योजना की शुरूआत 
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 की शुरुआत एक सितंबर 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए की गई है। इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 23 सौ करोड़ पांच हजार 509 लाख 96 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके लिए कुल 261 नगर निकायों से ऑनलाइन के माध्यम से अबतक चार लाख 33 हजार 508 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें दो लाख दो हजार 379 लाभुकों का भौतिक और ऑनलाइन सत्यापन हो चुका है, जिसमें पहले चरण (वित्तीय वर्ष 2024-25) के लिए 1,00,124 लाभुकों के घरों के निर्माण के लिए भारत सरकार ने 20 फरवरी को ही स्वीकृति दे दी है। 

शहरी आवास संकट को दूर करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल
इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पीएमएवाई (शहरी)- 2.0 का मकसद न सिर्फ आवास निर्माण है। बल्कि, शहरी परिवारों को किफायती दर पर किराये पर घर उपलब्ध कराने और प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) के सहयोग से घर खरीदने के लिए सहायता देना भी है। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और कार्यान्वयन एजेंसियों के समन्वय से यह योजना देशभर में शहरी आवास संकट को दूर करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। 


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Content Writer

Ramanjot

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