Nitish Kumar Cabinet Expansion: जातीय संतुलन पर फोकस, जानें किस जाति के विधायक बन रहे मंत्री!
Wednesday, Feb 26, 2025-01:42 PM (IST)
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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया है। आज शाम 4 बजे पटना राजभवन में नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह (Bihar Cabinet Expansion Oath Ceremony) होगा। इस विस्तार में जातिगत समीकरणों (Caste Equation in Bihar Politics) को ध्यान में रखते हुए विभिन्न समुदायों के नेताओं को मौका दिया गया है। भाजपा का यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
नीतीश कैबिनेट का विस्तार आज, BJP कोटे से होंगे सभी मंत्री
आज होने वाले कैबिनेट विस्तार में सिर्फ बीजेपी (BJP) कोटे से ही मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। जेडीयू (JDU) की तरफ से किसी को कैबिनेट में जगह नहीं दी जाएगी। इस विस्तार से पहले राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष (BJP Bihar President) बने रहेंगे।
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जेपी नड्डा की बैठक के बाद लिया गया फैसला
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने 25 फरवरी को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और बिहार बीजेपी कोर कमेटी के साथ बैठक की थी। इस बैठक में कैबिनेट विस्तार पर अंतिम फैसला लिया गया। इसके बाद दिलीप जायसवाल के इस्तीफे ने साफ कर दिया कि पार्टी कुछ नए चेहरों को कैबिनेट में जगह देने जा रही है।
कैबिनेट में शामिल होने वाले नए मंत्री
इस विस्तार में कुल 7 नए मंत्री बनाए जा रहे हैं। इनमें रीगा से मोतीलाल प्रसाद (तेली जाति), सिकटी से विजय मंडल (कैवर्त जाति), साहेबगंज से राजू सिंह (राजपूत जाति), जाले से जीवेश मिश्रा (भूमिहार जाति), अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू (कुर्मी जाति), बिहार शरीफ से सुनील कुमार (कुशवाहा जाति) और दरभंगा से संजय सारावगी (वैश्य जाति) शामिल हैं।
चुनावी रणनीति के तहत जातीय संतुलन साधने की कोशिश
बीजेपी ने इस कैबिनेट विस्तार के जरिए जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश की है। इस बार कैबिनेट में राजपूत, भूमिहार, वैश्य, कुर्मी, कुशवाहा और अति पिछड़ी जातियों (OBC & EBC Representation in Bihar BJP Cabinet) को प्रतिनिधित्व दिया गया है। इसका मकसद आगामी चुनावों में भाजपा के जनाधार को मजबूत करना है।
बिहार चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज
जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो रही हैं। भाजपा का यह कैबिनेट विस्तार (Bihar Cabinet Expansion 2025) संकेत दे रहा है कि पार्टी चुनावी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसके बाद विपक्ष भी अपनी रणनीति को धार देने में जुट जाएगा। बिहार की राजनीति में यह बदलाव आगे क्या असर डालेगा, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन इतना साफ है कि भाजपा ने अपने इस कदम से विपक्ष को नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है।