बिहार सरकार की नई पहल: नवजातों की देखभाल के लिए 15 अस्पतालों में मदर न्यूबॉर्न केयर यूनिट शुरू
Tuesday, Mar 18, 2025-10:07 AM (IST)

पटना:बिहार सरकार ने नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब राज्य के 13 जिलों के 15 अनुमंडलीय अस्पतालों में मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट (MNCU) की शुरुआत की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इन यूनिट्स का उद्देश्य नवजात और उनकी माताओं को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा देना है, जिससे नवजात मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।
मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट विशेष रूप से उन नवजात शिशुओं के लिए तैयार किया गया है, जो जन्म के तुरंत बाद किसी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं। इस यूनिट की खास बात यह है कि इसमें बीमार शिशुओं के साथ उनकी माताओं को भी रखने की व्यवस्था होगी, जिससे दोनों के बीच का जुड़ाव मजबूत बना रहे। इसे ‘जीरो सेपरेशन’ (Zero Separation) तकनीक कहा जाता है, जो नवजातों के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है। इस पद्धति के तहत, मां और बच्चे को लगातार साथ रखा जाता है, जिससे शिशु को गर्माहट, सुरक्षा और स्तनपान जैसी महत्वपूर्ण जरूरतें मिलती रहती हैं।
इन अस्पतालों में जल्द शुरू होंगी यूनिट्स
सरकार ने जिन 15 अनुमंडलीय अस्पतालों को मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट के लिए चुना है, उनमें शेरघाटी, फारबिसगंज, बनमनखी, सोनपुर, डुमरांव, हथुआ, नवगछिया, बरसोई, बाद, तारापुर, बगहा, दलसिंहसराय, रोसड़ा, राजगीर और हिलसा शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग इन अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को स्थापित करने और आवश्यक संसाधनों को जल्द से जल्द सुचारू रूप से संचालित करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।
कैसे मददगार साबित होंगे ये यूनिट्स?
मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट्स नवजात और उनकी माताओं के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। इन यूनिट्स में नवजातों के स्वास्थ्य की नियमित जांच और उपचार की सुविधा होगी, जिससे समय रहते किसी भी बीमारी का इलाज किया जा सकेगा। प्री-टर्म और कम वजन के शिशुओं को भी यहां विशेष देखभाल मिलेगी, साथ ही संक्रमण से बचाव के लिए पूरी तरह से स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। इन यूनिट्स में वेंटिलेटरी सपोर्ट जैसी उन्नत चिकित्सा सेवाएं भी दी जाएंगी, जिससे गंभीर रूप से बीमार नवजातों को जीवनरक्षक उपचार मिल सके।
सरकार का प्रयास, नवजातों के लिए बड़ी राहत
बिहार सरकार का यह कदम प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और नवजात शिशुओं की देखभाल के स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे न सिर्फ नवजात मृत्यु दर में कमी आएगी, बल्कि माताओं को भी बेहतरीन देखभाल मिल सकेगी। आने वाले समय में राज्य के अन्य अस्पतालों में भी इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।