"कार्रवाई ऐसी हो फिर किसी का सिंदूर न उजड़े, कोई अनाथ न हो", 'Operation Sindoor' पर बोलीं IB अधिकारी मनीष की पत्नी

Wednesday, May 07, 2025-04:31 PM (IST)

Operation Sindoor: पहलगाम आतंकवादी हमले (Pahalgam Terror Attack) में मारे गए आसूचना ब्यूरो (IB) के अधिकारी मनीष रंजन की पत्नी जया मिश्रा ने भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में किए गए मिसाइल हमलों को ‘जरूरी' कदम बताया और साथ ही कहा कि कार्रवाई ऐसी हो कि ‘फिर किसी का सिंदूर न उजड़े और कोई बच्चा अनाथ न हो।' उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई बहुत पहले हो जानी चाहिए थी।

मैं तो चाहती हूं कि पूरा पाकिस्तान ही तबाह हो जाए- जया
जया ने अपने पति को ‘शहीद' का दर्जा दिए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि मेरे पति को शहीद का दर्जा मिले। यह अवश्य मिलना चाहिए।'' अपने पति की मौत के मातम में डूबी जया ने कहा कि सरकार को ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि फिर किसी का सिंदूर न उजड़े और फिर किसी के बच्चे अनाथ न हों। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित झालदा शहर से फोन पर बातचीत में जया ने बुधवार को कहा, ‘‘यह कार्रवाई (मिसाइल हमले की) बिल्कुल होनी चाहिए थी। जरूरी था। मैं तो चाहती हूं कि पूरा पाकिस्तान ही तबाह हो जाए। हमारे घर में जो आतंकवादी छुपे हैं, उन पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे वह कश्मीर में छिपे हों या देश के दूसरे कोनों में। उनका खात्मा होना चाहिए।'' यह पूछे जाने पर कि सशस्त्र बलों की आज की कार्रवाई से उन्हें कुछ सुकून तो मिला होगा, जया ने कहा कि ‘सुकून तो अब मिलने वाला नहीं है'। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ तसल्ली जरूर मिलेगी। आतंकवाद का समर्थन करने वाले और आतंकवादियों को पनाह देने वाले हर शख्स को चुन-चुन कर मारा जाए, चाहे वह कोई हिन्दुस्तानी हो या पाकिस्तानी।'' जया ने कहा कि पाकिस्तान तो तबाह हो जाएगा और अपनी मौत मारा जाएगा लेकिन सीमा पार के आतंकवादियों से कहीं ज्यादा खतरा उन लोगों से है जो ‘अपने ही देश में छुपे' हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उनका खात्मा जरूरी है।''

बिहार के रहने वाले थे मनीष
यह पूछे जाने पर कि वह सरकार से और क्या चाहती हैं, जया ने कहा, ‘‘एक बात जरूर कहना चाहती हूं कि आने वाली पीढ़ी को यह सब न सहना पड़े। ऐसे हमलों में किसी का सिंदूर न उजड़े, कोई बच्चा अनाथ न हो।'' मनीष रंजन हैदराबाद में आईबी के ‘सेक्शन ऑफिसर' के पद पर तैनात थे और पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए थे। उनके अलावा इस हमले में और 25 लोग मारे गए थे। मनीष रंजन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ छुट्टियों में दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में ‘मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटन स्थल बैसरन की वादियों में घूमने गए थे। मूल रूप से बिहार के रहने वाले मनीष रंजन का अंतिम संस्कार झालदा में किया गया था। बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी थी।

पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सशस्त्र बलों ने सख्त जवाबी कार्रवाई में मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किये, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं। इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर भावुक जया ने कहा, ‘‘जब मेरा ही सिंदूर उजड़ गया तो फिर इसका क्या? यह सारी चीजें पहले ही हो जानी चाहिए थीं। इसी बात का तो बहुत ज्यादा गुस्सा है...ऑपरेशन सिंदूर हो या कुछ और। मेरा सिंदूर तो वापस नहीं आएगा।'' जया ने कहा कि उन्हें इस बात का बहुत कष्ट है कि सरकार ऐसी कार्रवाई पहले क्यों नहीं करती और क्यों लोगों के मारे जाने का इंतजार करती है? उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को सब कुछ पता होता है। कौन-कौन से आतंकवादी संगठन हैं और कौन-कौन लोग उनके कमांडर या प्रमुख हैं। तो फिर लोगों के मारे जाने का इंतजार क्यों किया जाता है? इतने सारे लोग चले गए तब जाकर आप ऑपरेशन कर रहे हैं। क्या फायदा ऐसी कार्रवाई का? पहले ही कार्रवाई कीजिए। मरने का इंतजार क्यों?''
 


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Content Editor

Swati Sharma

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