वैशाली में शीघ्र खुलेगा भव्य ''बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप''
Monday, Mar 03, 2025-09:25 PM (IST)

पटना,: वैशाली में बौद्ध धर्म और विरासत को संरक्षित करने के लिए तैयार किया गया 'बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप' जल्द ही आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने समीक्षा बैठक में बताया कि ₹550.48 करोड़ की लागत से निर्मित इस स्तूप का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और फिनिशिंग कार्य अंतिम चरण में है। एजेंसी ने आश्वासन दिया है कि 15 मार्च तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
बुद्ध स्मृति स्तूप: अनोखी वास्तुकला का अद्भुत नमूना
- 38500 गुलाबी पत्थरों से निर्मित भव्य संरचना
- 33 मीटर ऊँचा और 50 मीटर व्यास वाला विशाल स्तूप
- 2000 श्रद्धालुओं के ध्यान हेतु विशाल हॉल
- भगवान बुद्ध के अस्थि कलश की स्थापना
- परिसर में हरा-भरा लैंडस्केप, तालाब और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
संग्रहालय में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े ऐतिहासिक प्रसंगों, दुर्लभ स्मृतियों और कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। उड़ीसा के कुशल कारीगरों द्वारा मूर्तियों का निर्माण किया गया है, जबकि राजस्थान से लाए गए गुलाबी पत्थरों ने स्तूप को और अधिक आकर्षक बना दिया है। विशेष बात यह है कि इस संरचना को बनाने में किसी भी प्रकार के चिपकाने वाले पदार्थ का प्रयोग नहीं किया गया है।
बौद्ध धर्मावलंबियों और पर्यटकों के लिए बनेगा प्रमुख आकर्षण
वैशाली में भगवान बुद्ध के अस्थि कलश की स्थापना इस स्थान को दुनिया भर के बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल बनाएगी। यह परियोजना बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करेगी।
पर्यटन को मिलेगी नई ऊंचाई, रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के खुलने से देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक वैशाली आएंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह परियोजना बिहार के पर्यटन क्षेत्र के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी। भवन निर्माण विभाग की इस ऐतिहासिक पहल से बिहार को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी और बौद्ध धर्म के अनुयायियों को भगवान बुद्ध की विरासत को नजदीक से समझने का अवसर मिलेगा।