बिहार में आई ऊर्जा क्रांति: पीरपैंती में बनेगा 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट

Thursday, Feb 27, 2025-10:15 PM (IST)

पटना: बिहार में बिजली उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए राज्य सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। प्रदेश के भागलपुर जिले के पीरपैंती में  3x800 मेगावाट (कुल 2400 मेगावाट) क्षमता का ग्रीन फील्‍ड थर्मल पावर प्‍लांट बनने जा रहा है। 21,400 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह पवार प्लांट प्रदेश में किसी निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा निवेश होगा।

इस पवार प्लांट के बन जाने से बिहार के 13 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। बल्कि आम लोगों के बिजली बिल में भी कमी आएगी। साथ ही बिहार के उद्योगों को भी पंख लग जाएंगे।   थर्मल पावर प्लांट को निर्माण की मंजूरी दे दी गई है। परियोजना के तहत बिहार राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड (Bihar State Power Generation Company Limited) को नोडल एजेंसी के रूप में चयनित किया गया है। जो निविदा प्रक्रिया सहित परियोजना के क्रियान्वयन की पूरी जिम्मेदारी संभालेगी। यह परियोजना 21,400 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी। बिहार में होने वाला ये निवेश अब तक का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का निवेश होने वाला है। जिससे बिहार के निजी निवेश और उद्योग को नई ऊंचाई मिलेगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी नजरिए का नतीजा

यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी ऊर्जा नीति का नतीजा है। इस योजना पर काम शुरू होने के बाद बिहार निवेशकों के लिए आकर्षक बन जाएगा। ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, "मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ है। इस परियोजना से बिहार के लोगों को न सिर्फ गुणवत्ता पूर्ण बिजली मिलेगी, बल्कि बिजली दरों में भी कमी आएगी। यह राज्य के औद्योगिकीकरण में मील का पत्थर साबित होगा।"


प्रोजेक्ट से जुड़े प्रमुख बिंदु:

  • निवेश: ₹21,400 करोड़ (अब तक का सबसे बड़ा निजी निवेश)
  • क्षमता: 3x800 मेगावाट (कुल 2400 मेगावाट)
  • परियोजना स्थल: पीरपैंती, भागलपुर
  • भूमि अधिग्रहण: 1020.60 एकड़ भूमि अधिग्रहित
  • नोडल एजेंसी: बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड
  • कोल लिंकेज: Coal India Limited के तहत शक्ति-वी- (IV) से प्रस्तावित
  • निविदा प्रक्रिया: Tariff Based Competitive Bidding (TBCB)
  • निविदा प्रबंधन: SBI Capital Markets Limited, मुंबई


सस्ती और निर्बाध होगी बिजली आपूर्ति 

इस परियोजना से बिहार के लोगों को निरंतर और किफायती दर पर बिजली मिलेगी। बताते चलें कि राज्य बिजली के लिए दूसरे राज्‍यों पर निर्भर है। बिहार को बाहर से बिजली खरीदनी पड़ रही है। इस प्रोजेक्‍ट के पूरा होने से हमारी दूसरे राज्‍यों से बिजली खरीदने की निर्भरता घटेगी। इससे बिजली की लागत में भी कमी आएगी।

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस ऐतिहासिक फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, "राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 2400 मेगावाट का नया थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए कोयले का आवंटन पहले ही हो चुका है।"

ऊर्जा सचिव  पंकज कुमार पाल ने बताया कि पहले पीरपैंती में सौर ऊर्जा परियोजना प्रस्तावित थी, लेकिन तकनीकी सर्वेक्षण के बाद कोयला स्रोत की नजदीकी और भूमि की स्थिति को देखते हुए थर्मल पावर प्लांट का प्रस्ताव मंजूर किया गया।

रोजगार और औद्योगिकीकरण को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना से न केवल बिजली की दरों में कमी आएगी। बल्कि बिहार में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। निर्माण कार्य के दौरान हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा। जिससे राज्य में निवेश आकर्षित होगा।

केंद्र सरकार की भी स्वीकृति, बिहार बनेगा ऊर्जा हब

भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने भी Tariff Policy 2016 के तहत इस परियोजना की निविदा प्रक्रिया को स्वीकृति दे दी है। केन्द्र सरकार के बजट 2024 में इस परियोजना के लिए 21,400 करोड़ रुपये की घोषणा की गई थी। बिहार सरकार की यह पहल राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इस परियोजना के पूरा होते ही बिहार में बिजली आपूर्ति का एक नया अध्याय शुरू होगा, जिससे राज्य के विकास को नई गति मिलेगी।


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Content Writer

Ramanjot

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