लोन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी! बैंक मैनेजर बनकर बात करते थे जालसाज, फिर एक क्लिक और खाता खाली; पुलिस ने 2 ठग दबोचे

Friday, Jul 11, 2025-06:37 PM (IST)

Cyber ​​gang busted in Patna: बिहार में साइबर फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है, जो पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। वहीं, पटना साइबर पुलिस स्टेशन ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करता था। इस गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

सिटी एसपी (पश्चिम) भानु प्रताप सिंह के अनुसार, जालसाजों ने लोगों को पैम्फलेट और ऑनलाइन विज्ञापनों के जरिए एसबीआई के योनो ऐप और अन्य बैंक योजनाओं के नाम पर पर्सनल लोन देने का लालच दिया। पैम्फलेट में टोल-फ्री नंबर होते थे और जब पीड़ित कॉल करते थे, तो जालसाज विश्वास हासिल करने के लिए बैंक मैनेजर बनकर बात करते थे। वे विभिन्न बैंकों से कम ब्याज दर पर लोन दिलाने का वादा करते थे। इसके बाद पीड़ितों को व्हाट्सएप लिंक भेजे जाते थे, जहां उनसे लोन प्रोसेस करने के बहाने बैंक की जानकारी सहित व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाती थी। जानकारी का इस्तेमाल करके साइबर अपराधियों ने पीड़ितों के खातों से पैसे निकाल लिए।

एसपी भानु प्रताप सिंह ने बताया, "पटना साइबर पुलिस स्टेशन ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।" आरोपियों की पहचान बिहार के नवादा निवासी अमित कुमार और शेखपुरा निवासी राहुल कुमार के रूप में हुई है। छापेमारी के दौरान पुलिस ने उनके पास से 19 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 15 एटीएम कार्ड और 4,500 रुपये नकद बरामद किए। पुलिस का अनुमान है कि इस तरीके से करोड़ों रुपये की ठगी की गई है। पुलिस ने जनता से सतर्क रहने और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने या संदिग्ध कॉल या संदेशों के माध्यम से प्राप्त लिंक पर क्लिक करने से बचने की अपील की है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे ऋण प्रस्तावों की प्रमाणिकता की पुष्टि करें और कॉल पर ओटीपी, बैंक विवरण या आधार नंबर साझा करने से बचें।
 


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Content Editor

Swati Sharma

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