‘‘यह पार्टी आपके पति की, आपका कुछ नहीं...', बिहार विधान परिषद में एक बार फिर राबड़ी देवी पर आगबबूला हुए CM नीतीश

Tuesday, Mar 25, 2025-06:22 PM (IST)

Bihar Legislative Council: बिहार विधान परिषद में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और विपक्ष की नेता राबड़ी देवी (Rabri Devi) के बीच एक बार फिर नोकझोंक देखने को मिली। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राबड़ी देवी (Rabri Devi) से कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की पत्नी होने के सिवा उनका कोई महत्व नहीं है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार एक बार फिर मंगलवार तब नाराज हो गए, जब विधान परिषद में राजद के सदस्य हरे रंग के बैज लगाकर पहुंचे, जिन पर नारे लिखे थे कि राज्य में वंचित जातियों के लिए ‘तेजस्वी सरकार' ने आरक्षण बढ़ा दिया था, लेकिन भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद इसे छीन लिया गया। हरा रंग राजद के झंडे का रंग है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Prasad) के बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) तब उपमुख्यमंत्री थे, जब 2023 में कानून पारित कर आरक्षण बढ़ाया गया था। हालांकि, कुछ महीनों बाद पटना उच्च न्यायालय ने उसे रद्द कर दिया था।

इस तमाशे को देखिए...- CM नीतीश

बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार अपने पूर्व सहयोगी द्वारा इस लोकलुभावन कदम का श्रेय लेने के प्रयास से स्पष्ट रूप से नाराज नजर आए। उन्होंने विधान परिषद में एक (RJD) सदस्य को खड़ा होने को कहा, ताकि बैज और उस पर लिखे नारे स्पष्ट रूप से नज़र आएं। मीडिया दीर्घा की ओर देखते हुए नीतीश कुमार (70) ने कहा, ‘‘इस तमाशे को देखिए। यह आप केवल इसी पार्टी में यह देख सकते हैं।'' राबड़ी देवी अपनी पार्टी का मजाक उड़ाए जाने के खिलाफ विरोध जताने के लिए खड़ी हुईं, लेकिन नीतीश कुमार ने उनसे कहा, ‘‘आप इससे दूर ही रहिए। यह पार्टी आपकी नहीं, आपके पति की है।''

बता दें कि सदन में हाल में कई बार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और राबड़ी देवी (Rabri Devi) के बीच वाकयुद्ध देखने को मिला है। मीडिया दीर्घा और सत्ता पक्ष के अपने सहयोगियों की ओर देखते हुए कुमार ने कहा, ‘‘इस बेचारी महिला को उनके पति ने ऐसे समय में आगे बढ़ाया, जब वह मुसीबत में थे।'' उल्लेखनीय है कि राबड़ी देवी 1997 में मुख्यमंत्री बनी थीं, जब चारा घोटाले में सीबीआई द्वारा आरोपपत्र दाखिल किये जाने के बाद उनके पति लालू प्रसाद को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। संयोगवश, प्रसाद के पूर्व सहयोगी कुमार ने एक साल पहले ही उनसे अलग होकर भाजपा के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, जिसकी परिणति 2005 में राजद को सत्ता से उखाड़ फेंकने के रूप में हुई। तब से दोनों धुर विरोधी दलों के बीच दो अल्पकालिक गठबंधन हुए हैं। 


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Content Editor

Swati Sharma

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