"झारखंड को अलग करने के लिए यहां के आदिवासियों ने लंबा संघर्ष देखा और झेला", विश्व आदिवासी दिवस पर बोले CM हेमंत

Friday, Aug 09, 2024-06:23 PM (IST)

रांची: बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में आयोजित विश्व आदिवासी महोत्सव में सीएम हेमंत ने कहा कि आज विश्व आदिवासी दिवस है और राज्य में ये विश्व आदिवासी दिवस तीसरी बार मनाया जा रहा है। आज पूरे विश्व में लोग इस दिन को मना रहे हैं।

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सीएम हेमंत ने आगे कहा कि आदिवासियों को देश-दुनिया का सबसे पुराना समाज कहा जाता है। कहा जाए कि आदिवासी समाज के बाद ही दूसरे समाजों का सृजन हुआ। कई समाज बने। इसी क्रम में ये आदिवासी समाज भी देश - दुनिया के अलग-अलग स्थानों अपनी संस्कृति, अपनी विरासत अपनी सभ्यता के साथ चल रहा है। हमें गर्व है कि हमने ऐसी धरती पर जन्म लिया। इस राज्य को वीरों की धरती भी कहा जाता है। सीएम ने कहा कि इस राज्य को अलग करने के लिए यहां के मूलवासी तथा आदिवासियों ने एक लंबा संघर्ष देखा और झेला है। झारखंड अलग राज्य का इतिहास लगभग 40- 50 सालों का रहा जिसमें अनेकों लोगों ने अपनी शहादत दी। आज हमारे बीच शिबू सोरेन जी बैठे हैं, लेकिन उनके कई साथी इस दुनिया से चले गये।

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सीएम हेमंत ने कहा कि अलग झारखंड राज्य के लिए लोगों ने लड़ाई लड़ी, इनमें से कई बुजुर्ग हो गए और कई संघर्षशील लोगों ने हमारा साथ छोड़ दिया, लेकिन इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि ये राज्य और प्रदेशों की अपेक्षा इसकी अलग पहचान और इतिहास रहा है। सदियों से यहां के मूलवासियों के साथ शोषण हुआ। आजादी के पहले और बाद में भी यहां के आदिवासियों के साथ शोषण हुआ। यहां भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, फूलो-झानो जैसे वीर सपूतों ने इस धरती के लिए, आदिवासी-मूलवासियों के अधिकार के लिए संघर्ष किया। आज खुशी का दिन है और संकल्प लेने का भी दिन है कि हम लोग बहुत मुश्किलों और संघर्षों के बाद किसी पायदान पर पहुंचे हैं।

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वहीं, कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष गंगवार, झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के अलावा राज्यसभा सांसद महुआ माजी, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी मौजूद रहीं।


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Khushi

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