दूसरे राज्य के CM द्वारा कर्तव्यरत स्पेशल ब्रांच के अफसरों पर लगाए गए आरोप हैं निंदनीय: JMM
Friday, Aug 30, 2024-11:19 AM (IST)
रांची: असम के सीएम सह झारखंड चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा खुलासा किया गया कि चंपई सोरेन की जासूसी की जा रही है। वहीं, इसके बाद से ही झारखंड की सियासत तेज हो गई है। इस मामले में झामुमो ने हिमंता बिस्वा सरमा पर हमला बोला है।
"दो पुलिस महकमों के बीच टकराव असम ने शुरू किया"
झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ऐसी बातें करना किसी भी सज्जन व्यक्ति को शोभा नहीं देता है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा ने पुलिस प्रशासन को लेकर अलोकतांत्रिक बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि किसी राज्य का मुखिया या जिम्मेदार व्यक्ति किसी अन्य राज्य की पुलिस महकमे पर आरोप लगाये, इसका उदाहरण शायद ही इतिहास में मिले। उन्होंने कहा कि आज से दो साल पहले असम में एक घटना घटी थी, उस समय भी बिस्वा सीएम थे। उस समय असम पुलिस का मणिपुर पुलिस के साथ विवाद हो गया। दोनों ओर से फायरिंग की भी नौबत आ गयी थी। दोनों एक दूसरे के कर्मियों को गिरफ्तार करने लगे थे। दो पुलिस महकमों के बीच इस तरह का टकराव असम ने शुरू किया। अब दिल्ली की घटना को लेकर यह फिर से दोहराया गया। उन्होंने कहा कि वहां के मुख्यमंत्री भी निकलते है तो एक यात्रा शेड्यूल निकलता है। पूरी सूची होती है कि कहा जाना है और क्या कार्यक्रम करना है। राज्य का मंत्री या मुख्यमंत्री कही जाता है तो इसकी पहली सूचना राज्यपाल के प्रदान सचिव को दी जाती है। मंत्री चलते है तो मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव को दी जाती है। वो कहीं भी जाते है तो राज्य के स्पेशल ब्रांच के अधिकारी साथ रहते है। जिस भी राज्य में मंत्री जाते है तो पुलिस मुख्यालय को सूचना दी जाती है। भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य के पुलिस अधिकारी भी प्रोटोकॉल के तहत रहते हैं। जिनको भी ये सूचना जाती है वो सब अपने विभाग को अलर्ट करते है। कोई भी मंत्री या मुख्यमंत्री दिल्ली जाते है तो राज्य के स्थानीय आयुक्त को सूचना देते हैं।
"BJP को ही हनी ट्रैप सूझता है"
भट्टाचार्य ने कहा कि यह कहना गलत है कि राज्य सरकार चंपई सोरेन जासूसी करा रही है। भट्टाचार्य ने कहा कि चंपई सोरेन कल तक मंत्रिमंडल के वरिष्ट सदस्य के रूप में पदभार में थे। उनको पूर्व मुख्यमंत्री की सारी सुरक्षा सुविधा उपलब्ध थी। जब वे दिल्ली गये तो इसी हैसियत और प्रोटोकॉल के अनुसार सुरक्षा प्रदान की गयी। प्रोटोकॉल के अनुसार चंपाई के कार्यक्रम और दिल्ली जाने की सूचना भी संबंधित राज्य और अधिकारियों को पहले दे गयी थी। इसलिए दोनों अफसर अपनी ड्यूटी कर रहे थे। हमारा जो विशेष शाखा है जो उनकी सुरक्षा को तय करते ताकि कोई चूक न हो। ये उनका कर्तव्य है। ऐसे कार्यरत और कर्तव्यरत स्पेशल ब्रांच पर दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा जो आरोप लगाए गए ये निंदनीय है। भट्टाचार्य ने कहा कि पहली बार हमने देखा कि किसी दूसरे राज्य का मुख्यमंत्री किसी राज्य का चुनाव प्रभारी बनता है। पूरी सिक्योरिटी वहां झोंक देता है। उनके सुरक्षा में भी खर्च होगा वो आसाम सरकार उठाएगी। असम सरकार अपने कोश से बीजेपी के चुनाव प्रभारी के प्रभार का खर्च वहन करेगी। हमने गृह मंत्री से कहा कि केंद्र या राज्य सरकार किसी राजनीतिक दल का चुनाव प्रचार का खर्च वहन करे। भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी को हनी ट्रैप ही सूझता है। बीजेपी के कई बड़े नेता है इस राज्य के जो इसमें फंसे हैं। हमारे राज्य में जलाशयों में साइबेरियन पक्षी आती हैं। उनसे प्रेरित होकर अब हमारे राज्य में साइबेरियन क्रेन आने लग गए हैं। उन्हें जितना घूमना है घूमने देना चाहिए।