हेमंत के साथ अन्याय हुआ, झारखंड में सभी 14 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेगा JMM: चंपई सोरेन

4/3/2024 9:22:10 AM

 

रांचीः जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ अन्याय होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंगलवार को कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) कल्पना सोरेन को गांडेय विधानसभा से उम्मीदवार बनाने के बारे में एक सप्ताह में अंतिम निर्णय करेगा। कल्पना सोरेन पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की पत्नी हैं।

चंपई सोरेन (68) ने विशेष साक्षात्कार में कहा कि यदि कल्पना सोरेन विधानसभा चुनाव लड़ती हैं और जीत जाती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाने या नहीं बनाने का फैसला झामुमो लेगा। गांडेय विधानसभा के लिए उपचुनाव राज्य में लोकसभा चुनाव के साथ 20 मई को होगा। गिरिडीह जिले की यह सीट झामुमो विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी और इस तरह की अटकलें हैं कि वहां से कल्पना को चुनाव लड़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘झामुमो एक सप्ताह के अंदर इस बारे में फैसला करेगा कि क्या कल्पना सोरेन को गांडेय विधानसभा सीट से खड़ा किया जाएगा। अगर वह चुनाव लड़ती हैं और जीतती हैं तो क्या उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, इस बारे में फैसला पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन समेत पार्टी के नेता लेंगे।'' कल्पना सोरेन की राजनीतिक यात्रा 4 मार्च को गिरिडीह जिले में आयोजित झामुमो के 51वें स्थापना दिवस समारोह से शुरू हुई, जब उन्होंने अपने भाषण में दावा किया था कि 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद से विरोधियों द्वारा साजिश रची गई थी।

चंपई सोरेन ने दावा किया कि हेमंत सोरेन के साथ घोर नाइंसाफी हुई है, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की अगुवाई वाली ताकतें उन्हें जेल में डालने में सफल हो सकती हैं लेकिन झारखंड के आदिवासी भारतीय जनता पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा देंगे। हमें पूरा विश्वास है कि राज्य में सभी 14 लोकसभा सीटों पर हमें जीत मिलेगी।'' केंद्र पर विपक्षी दलों के शासन वाली लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित राज्य सरकारों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हेमंत सोरेन को बड़गाईं इलाके में 8.5 एकड़ जमीन रखने के झूठे मामले में फंसाया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हेमंत ने आदिवासियों और वंचितों के लिए जो किया, उससे भाजपा परेशान थी। लोग भाजपा को सबक सिखाएंगे।'' क्या झामुमो भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन के खिलाफ दुमका सीट से हेमंत सोरेन को मैदान में उतारेगी, इस पर चंपई सोरेन ने कहा कि पार्टी इस पर जल्द ही फैसला करेगी। सीता सोरेन शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं और तीन बार झामुमो की विधायक रह चुकी हैं।

चंपई सोरेन ने सीता के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनकी अनदेखी की गई थी और पार्टी में अलग-थलग कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी ने उन्हें तीन बार विधायक बनाया। सीता सोरेन ने झामुमो को झटका देते हुए पिछले महीने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि 2009 में उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद उन्हें और उनके परिवार को अलग-थलग कर दिया गया और उनकी अनदेखी की गई। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के साझेदारों के बीच सीट बंटवारे में देरी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे और लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे। केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ सौतेला बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि यह राज्य में विकास को अवरुद्ध कर रही है और आदिवासियों के हितों के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य की आदिवासी जनसंख्या घट रही है और केंद्र सरकार आदिवासियों के लिए ‘सरना धार्मिक संहिता' की मांग को दबाकर बैठी है। चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘आदिवासी पहचान, संस्कृति और धर्म को बचाने के लिए अलग सरना धार्मिक संहिता जरूरी है।'' झारखंड विधानसभा ने ‘सरना' को अलग धर्म के रूप में शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। हालांकि इस बाबत फैसला केंद्र में लंबित है।

चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद दो फरवरी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘झारखंड में सोने से लेकर यूरेनियम तक प्रचुर खनिज भंडार हैं। लेकिन यहां की जनता को कभी उसका हिस्सा नहीं मिला। उनकी अनदेखी की जाती है और पहली बार उन्हें लक्षित करते हुए कुछ कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं।'' चंपई सोरेन ने दावा किया कि झारखंड और देश से भाजपा का सफाया हो जाएगा। झामुमो की तुष्टीकरण की नीति के कारण बांग्लादेश से घुसपैठ होने के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी उनकी (केंद्र की) है।''


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Nitika

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