अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की अनुदान मांग पारित
Tuesday, Mar 16, 2021-11:28 AM (IST)

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को भोजनावकाश के बाद सदन ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग प्रभाग) की 19 अरब तीन करोड़ 26 लाख रुपये से अधिक की अनुदान मांग को ध्वनिमत से पारित किया। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अमर कुमार बाउरी के कटौती प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।
विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक विभाग एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में सभी प्रमंडलों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों के लिए एक-एक आवासीय विद्यालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं को साइकिल देने की घोषणा करते हुए बताया कि पूर्व में साईिकल के लिए राशि छात्र-छात्राओं को दे दी जाती थी लेकिन इसमें से 60 से 70 प्रतिशत मामलों में बच्चे साइकिल नहीं खरीदते थे इसलिए विभाग ने अब खरीद कर साइकिल देने का निर्णय लिया है।
मंत्री ने कहा कि छात्रावासों की स्थिति को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए कई कदम उठाये जा रहे है। मारंग गोमगे जयपाल सिंह मुंडा पारदेशी छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की गयी है। उन्होंने कहा कि पहाड़िया आदिम जनजाति के लिए 18 स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की गयी है। सालाना 72 हजार से कम आय वाले लोगों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश की गयी। सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन कर जनजातीय समाज के अस्तित्व को खत्म करने की कोशिश की गई लेकिन अब सरकार सभी वर्गां के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के विकास के लिए शिक्षा जरूरी है। पहाड़िया आदिम जनजाति के लिए स्कूल खोले गये है। सोरेन ने बताया कि सरना, मसना, जाहेरस्थान, हथगड़ी घेराबंदी और सौंदर्यीकरण के साथ ही मूल सरना स्थल में सोलर लाइट की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 25 हजार से 50 लाख रुपये तक की राशि बेरोजगारों को भीम के रूप में उपलब्ध कराने की योजना है। इसके तहत 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा ड्राइविंग लाईसेंस आसानी से मिले इसके लिए कार्यालयों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। दुर्घटनाओं पर अंकुश के लिए ट्रैफिक पाकर् बनाये जा रहे है।
इससे पहले अनुदान मांग पर चर्चा में अमर बाउरी, इरफान अंसारी, लोबिनन हेम्ब्रम, कोचे मुंडा, ममता देवी, प्रदीप यादव, लंबोदर महतो, अमित यादव, किशुन दास, बंधु तिकरी और नमन विल्सन कोंगाड़ी ने हिस्सा लिया।