उत्पाद सिपाही दौड़ में हुई अभ्यर्थियों की मौत के लिए हेमंत सरकार जिम्मेवार: बाबूलाल मरांडी
Wednesday, Sep 04, 2024-04:45 PM (IST)
रांची: झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने उत्पाद सिपाही दौड़ में शामिल मृतक स्व अजय कुमार महतो के परिजनों से उनके ओरमांझी प्रखंड स्थित जिराबार गांव स्थित घर पर मुलाकात की। साथ में प्रदेश महामंत्री एवम सांसद आदित्य साहू भी उपस्थित थे।
मरांडी ने असामयिक मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। परिजनों को ढांढस बंधाया और मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने परिजनों को प्रदेश भाजपा की ओर से एक लाख रुपए की सहायता राशि भी दी। इस दौरान मरांडी ने राज्य सरकार पर एक बार फिर से बड़ा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह संवेदनहीन सरकार है। युवाओं की मौत हो रही और सरकार निश्चिंत है। परिजनों की सुध लेने की भी राज्य सरकार को फुर्सत नहीं। मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार ने उत्पाद सिपाही की दौड़ में जिस प्रकार से नियमों का उल्लंघन किया वह अभ्यर्थियों नवजवानों के मौत का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं की गई। लंबी यात्रा करके नौजवान सेंटर पर पहुंचे। रात भर जागकर लाइन में लगे और सुबह में धूप में उन्हें दौड़ाया गया। उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर नवजवानों के स्वास्थ्य पर पड़ा। ऐसे में स्वाभाविक है कि नींद पूरी नहीं होने से ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है। शरीर की कार्य क्षमता घटती है। फिर भी अभ्यर्थी दौड़ने को मजबूर हुए।
मरांडी ने कहा कि जहां तक नियमावली की बात है, 2018 की बहाली नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि दौड़ के पहले अभ्यर्थियों की लिखित और शारीरिक जांच परीक्षा हो। जो इसमें सफल हों उन्हीं को दौड़ में शामिल किया जाए, लेकिन इस सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि एक घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ उत्पाद विभाग के सिपाही के लिए अव्यवहारिक है। इतनी अनिवार्यता तो सेना की बहाली में भी नहीं है। उन्होंने कहा कि स्व अजय कुमार महतो के इलाज में भी लापरवाही बरती गई। दौड़ में बेहोश हो जाने की स्थिति में परिजनों को सूचित किया गया। उनके पिताजी उनका इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में कराना चाहते थे, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया। इस प्रकार इलाज में भी लापरवाही बरती गई। मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह मौत की जिम्मेवार है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अविलंब मृतकों के आश्रित को 50 लाख रुपए मुआवजा एवं एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।