Pratul Shahdev: सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या ना करें CM हेमंत: प्रतुल शाहदेव

Saturday, Feb 08, 2025-10:55 AM (IST)

Pratul Shahdev: झारखंड में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव (Pratul Shahdev) ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के राज्यों को बकाया राशि दिए जाने वाले आदेश की गलत तरीके से व्याख्या कर लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं। प्रतुल ने भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2024 के अगस्त में मिनरल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाम स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया एवं अन्य के मामले में ऐतिहासिक निर्णय दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने इस निर्देश में यह स्पष्ट किया था कि यह आदेश उन सभी राज्यों पर भी लागू होगा जो इस केस में पार्टी नहीं थे। 

"CM हेमंत केंद्र से बकाया राशि के भुगतान की मांग क्यों करते हैं?"

प्रतुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूरे तरीके से राज्य को उसका वाजिब हक दिलाने के लिए संकल्पित है, लेकिन मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 1.36 लाख के जिस राशि का बार -बार जिक्र किया है, वह कहां से आया इस पर ही बड़ा प्रश्न है। प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार 60000 करोड़ के करीब का मुआवजा इंटरेस्ट के रूप में मांग रही है जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने बकाया राशि में राज्य सरकारों को इंटरेस्ट लेने से रोक लगाई थी। प्रतुल ने कहा कि इस जजमेंट में यह स्पष्ट है कि जो राज्यों की बकाया राशि है वह 12 वर्षों में 12 किस्तों से दी जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पॉइंट 27.2 में स्पष्ट वर्णित है कि बकाया राशि के किस्तों का भुगतान 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होना है जो कि 1 अप्रैल, 2037 तक चलेगा। प्रतुल ने कहा कि इसी जजमेंट के पॉइंट 27.3 में सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश है कि 25 जुलाई, 2024 से पहले का कोई भी इंटरेस्ट और पेनल्टी का आकलन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने सर्वोच्च न्यायालय के इसी निर्देश का 14 अगस्त, 2024 को स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया था। मुख्यमंत्री जी ने एक्स के पोस्ट में यह भी लिखा था कि अब झारखंड को 12 वर्षों में चरणबाद तरीके से बकाया राशि मिलेगी। प्रतुल ने कहा कि फिर यह आश्चर्य का विषय है कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री और अलग-अलग नेता विभिन्न फोरम से केंद्र से 136000 करोड़ के तुरंत भुगतान की मांग क्यों करते हैं? 

"CM हेमंत को पता है कि वह अपने चुनाव से पूर्व किए गए वादों को पूरा नहीं कर सकते"

प्रतुल ने कहा कि दरअसल मुख्यमंत्री जी ने चुनाव के समय अनगिनत लोक लुभावना योजनाओं की घोषणा कर दी थी जिसमें अगले 5 वर्षों में ढाई लाख करोड़ से ज्यादा का खर्च आने का अनुमान है। राज्य अपने आंतरिक स्रोत से यह पैसा जुटाने में असफल है। मईया सम्मान योजना एक ज्वलंत उदाहरण है जिसमें बिना अहर्ता के सभी मईया को इसका लाभ देने की बात की गई थी। पर अब उसमें भी अहर्ता जोड़ दी गई है। मुख्यमंत्री जी को पता है कि वह अपने चुनाव से पूर्व किए गए लोक लुभावना वादों को पूरा नहीं कर सकते हैं। इसीलिए वह बार-बार सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी केंद्र से बकाया 1,36,000 करोड़ की राशि का एक गलत नैरेटिव बना रहे हैं। ये सिर्फ झारखंड की जनता की आंखों में धूल झोंकने का बहाना है।


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Khushi

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