झारखंड भवन में ठहरने के नियमों पर सदन में बवाल, बाबूलाल मरांडी ने उठाए गंभीर सवाल
Thursday, Dec 11, 2025-11:53 AM (IST)
Jharkhand Assembly winter session: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के चौथे दिन नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सदन में झारखंड भवन में ठहरने से संबंधित नियमों पर सवाल उठाया। मरांडी ने सदन में ठहरने से संबंधित नियमों को गलत ठहराते हुए कहा कि कैबिनेट निगरानी विभाग का यह निर्णय कि केवल विधायकों के सगे संबंधी ही वहां ठहर सकते हैं, अनुचित है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
मरांडी ने आरोप लगाया कि डॉ. रामेश्वर उरांव ने आलोक दूबे और लाल किशोर नाथ शाहदेव को ठहराने के लिए 'संबंधी' दिखाकर अनुशंसा की। नेता प्रतिपक्ष मरांडी ने कहा कि मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय, निगरानी विभाग की ओर से एक सकुर्लर जारी हुआ है कि झारखण्ड भवन में अब विधायक के सगे संबंधी ही सिर्फ ठहर पायेंगे, दूसरा कोई नहीं। अब सवाल उठता है कि झारखण्ड भवन में कौन ठहरेगा, इसका निर्णय कौन करेगा? अधिकारी-विभाग? क्या जनप्रतिनिधि अपने इलाके के लोग जो किसी कारणवश दिल्ली गए हैं और उनके पास कोई विकल्प नहीं हैं, तो क्या जनप्रतिनिधि वैसे लोगों को झारखंड भवन में रहने का सिफारिश भी नहीं कर सकते। उनकी बात नहीं सुनी जायेगी।
मरांडी ने कहा कि झारखण्ड भवन अफसरों के बीवी-बच्चों व साले-सालियों के रहने के लिए तो नहीं ही बना है। दिल्ली में ही ऊर्जा विभाग का विश्रामगृह चल रहा है जिसका प्रत्येक महीना पांच लाख रुपये भुगतान हो रहा है जहां चार-पांच की संख्या में गाड़यिां और आठ-आठ स्टॉफ रखे गये हैं। आखिर वहां ठहरता कौन है? अब तक वहां कितने लोग रहे हैं? इसका पता कौन लगाएगा? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधायकों के अनुशंसा पर तो कमरे मिलने ही चाहिए। वहीं, नेता प्रतिपक्ष के इस सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि वे नेता प्रतिपक्ष की बातों से सहमत हैं। इस पर सम्यक विचार करते हुए सरकार सम्यक निर्णय लेगी।
झारखंड के कोडरमा में

