हेमंत सोरेन ने कहा- झारखंड में अवैध खनन हुआ तो अधिकारियों की खैर नहीं

5/22/2022 12:43:35 PM

 

रांचीः भ्रष्टाचार के आरोपों में झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल की गिरफ्तारी एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के सीधे तौर पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोपों के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में अवैध खनन किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा और यदि कहीं भी अवैध खनन हुआ तो अधिकारियों की खैर नहीं है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों एवं पुलिस अधिक्षकों के साथ आज अपने आवासीय कार्यालय से समीक्षा बैठक की और इस दौरान अवैध खनन के खिलाफ उपर्युक्त निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा, ‘‘राज्य में किसी भी प्रकार के अवैध खनन पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए। अवैध खनन में संलिप्त लोगों या माफियाओं के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। अवैध खनन रोकने के लिए प्रभावी तरीका तैयार करें।'' उन्होंने कहा कि कुछ खनन माफियाओं द्वारा जानबूझकर अवैध खनन किया जा रहा है जिससे सरकार की छवि खराब की जा सके। उन्होंने धनबाद, हजारीबाग समेत कोयला खनन वाले जिलों एवं पाकुड़, चाईबासा, लातेहार, रांची आदि पत्थर खनन वाले जिलों में पदस्थापित अधिकारियों को विशेष तौर पर कड़ी हिदायत देते हुए अवैध खनन पर लगाम लगाने का निर्देश दिया।

सोरेन ने दो टूक कहा कि अवैध खनन हुआ तो अब अधिकारियों की खैर नहीं। मुख्यमंत्री की अवैध खनन पर यह उच्चस्तरीय ऐसे समय में हुई है जब स्वयं उनकी खान सचिव पूजा सिंघल मनरेगा और खनन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 11 मई को गिरफ्तार कर ली गयी हैं और उनसे पूछताछ में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो चुके हैं। इतना ही नहीं प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर दावा किया है कि राज्य के खनिज विभाग में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार में मुख्यमंत्री कार्यालय के भी सीधे तौर पर शामिल होने के सबूत मिले है जिनकी जांच की जा रही है। इन आरोपों और अवैध ढंग से मुख्यमंत्री और खान मंत्री रहते अपने नाम से रांची में एक खनन पट्टा आवंटित करवाने के चक्कर में मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की कुर्सी छिनने की नौबत आ गयी है।


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Content Writer

Diksha kanojia

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