राज्यपाल ने ''22वें देवघर पुस्तक मेला'' का किया उद्घाटन, PM Modi के महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पण का किया उल्लेख
Sunday, Jan 12, 2025-11:25 AM (IST)
रांची: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने बाबा बैद्यनाथ की पावन भूमि पर '22वें देवघर पुस्तक मेला' का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने पुस्तक मेले को ज्ञान, संस्कृति और साहित्य के प्रसार का एक महत्वपूर्ण मंच बताते हुए झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताया।
राज्यपाल ने कहा कि देवघर की यह भूमि न केवल बाबा बैद्यनाथ धाम जैसे आध्यात्मिक केंद्र के लिए विख्यात है, बल्कि यहां महान संत ठाकुर अनुकूल चंद्र जी ने समाज को अपने विचारों और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से प्रेरित किया। यह पावन भूमि सांस्कृतिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक धरोहर का एक प्रेरणास्रोत है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी देवघर का योगदान अत्यंत प्रेरणादायक रहा है। असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान यहां की जनता और क्रांतिकारियों की भूमिका अतुलनीय रही है। इस भूमि ने हमेशा समाज को प्रेरणा और ऊर्जा दी है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि आधुनिक महिला इतिहासकार इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास कर रही हैं और महिलाओं की भूमिका को नए द्दष्टिकोण के साथ प्रस्तुत कर रही हैं। यह न केवल इतिहास लेखन को समृद्ध करता है, बल्कि समाज के समग्र विकास में सहायक भी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पण का उल्लेख करते हुए कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसी योजनाओं ने महिलाओं को न केवल अधिकार और अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि समाज में उनकी एक नई पहचान भी स्थापित की है।
राज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं केवल इतिहास का हिस्सा न बनें, बल्कि इतिहास के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। राज्यपाल ने रांची विश्वविद्यालय, रांची द्वारा‘स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड की नायिकाएं' विषय पर आयोजित संगोष्ठी की सराहना की और इसे झारखंड तथा भारत की ऐतिहासिक परंपराओं को उजागर करने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। इस अधिवेशन में देशभर के प्रख्यात इतिहासकारों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, महिला इतिहासकार परिषद की अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सुस्मिता पाण्डेय, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. बालमुकुंद पांडेय, और रांची विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुजाता सिंह सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।