"अमित शाह कार्यकर्ताओं को टिप्स देंगे कि कैसे राज्य में नफरत-भ्रम की स्थिति पैदा हो", गृह मंत्री के झारखंड दौरे पर JMM का तंज

Saturday, Jul 20, 2024-10:55 AM (IST)

रांची: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के झारखंड दौरे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रांची आ रहे है, उनका राज्य में स्वागत है क्योंकि यह राज्य केंद्रीय एजेंसियों के जांच के दायरे में है। इस दौरान कौन- कौन से दागी लोगों को मिलवाया जाएगा, यह हम जानना चाहते हैं।

"जांच एजेंसियों की कार्रवाई केवल विपक्ष के नेताओं पर ही हो रही"
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि होम मिनिस्ट्री के तहत कई एजेंसियां है। जितने भाजपा के दागी नेता है उनका समय सूची क्या रहेगा अमित शाह से मिलने का। ये अगर आज स्पष्ट हो जाता तो आपको भी कवरेज का समय मिल जाता क्योंकि कार्यकर्ताओं के द्वारा अब ये चुनाव जीतेंगे नहीं। इनको केवल लगता है घुसपैठिए। इनके पार्टी के अंदर जो घुसपैठिए हैं इसमें इनके प्रदेश अध्यक्ष भी है। नेता प्रतिपक्ष है। ये मूल बाजपेयी नहीं है। उनसे सबसे ज्यादा घुसपैठ का संभावना है भाजपा के अंदर बना हुआ है, उनसे गृह मंत्री कैसे निबटेंगे। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों का सम्मान कैसे किया जाता है, यह बीजेपी में देखने को मिला। केंद्रीय गृह मंत्री अपने कार्यकर्ताओं को टिप्स देंगे कि कैसे राज्य में नफरत और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई जारी है, लेकिन यह कार्रवाई केवल विपक्ष के नेताओं पर ही हो रही है।

"यह चिट्ठी हम लोगों के लिए एक डोकोमेंट होगा"
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले दिनों जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब रांची आई थी तब बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी के द्वारा एक जमानत पर चल रहे व्यक्ति विष्णु अग्रवाल के द्वारा मिलाया गया। इतना ही नहीं एक व्यक्ति जिसका नाम कमलेश कुमार जो ईडी की रडार पर होने के बावजूद फरार है, वह भी बाबूलाल के साथ एक तस्वीर में दिख रहा है। वहीं असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा शर्मा के सिक्योरिटी (प्रोटोकॉल) के द्वारा सुरक्षा पर खर्च असम सरकार द्वारा वहन किये जाने को लेकर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि एक पार्टी के चुनाव के दौरान खर्च का वहन असम की सरकार करेगी, यह उस चिट्ठी में लिखी गयी है। यह चिट्ठी हम लोगों के लिए एक डोकोमेंट होगा। एक राज्य की सरकार, एक राजनीतिक पार्टी के चुनाव का खर्च वहन करेगी, जनता सब देख रही है।


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Khushi

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